वैशाली : वैशाली में एक बार फिर प्रेम संबंध में युवक की जान चली गई. थाना क्षेत्र के महम्मदपुर गांव में सवेरे 20 वर्षीय युवक की लाश मिलने से लोग दहशत में आ गये थे. शव के सिर सहित विभिन्न हिस्सों में चोट के निशान थे. हत्यारों ने युवक का गुप्तांग भी काट दिया था.
हल्ला के बाद जब ग्रामीण पहुंचे तो उसकी पहचान परमानंदपुर गांव के मो जलाल के पुत्र सिकंदर उर्फ रहमतुल्लाह के रूप में हुई. मृतक के पिता ने वैशाली थाने में हत्या की नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी है. वहीं शव के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण प्रखंड मुख्यालय से उत्तर डाकघर चौक के पास लालगंज-बरूराज मार्ग को जाम कर दिया. उत्तेजित लोगों ने डाकघर के समीप खड़ी गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त किया.
एसडीओ समेत कई अधिकारी पहुंचे मौके पर : घटना की सूचना पर जिला से एसडीओ रवींद्र कुमार, एसडीपीओ राशिद जमां ने घटनास्थल पर पहुंचकर उत्तेजित लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया. किसी भी संभावित घटना से सतर्क पुलिस प्रशासन ने लालगंज, बेलसर, भगवानपुर, करताहां थानाध्यक्षों को पुलिस बल के साथ बुला लिया था. सूचना पर प्रखंड क्षेत्र के जन प्रतिनिधि तथा सामाजिक कार्यकर्ता भी पहुंच गये. पूर्व में वैशाली थाने में पदस्थापित अवर निरीक्षक विकास कुमार एवं मो रफीक को भी बुलाया गया.
दर्ज प्राथमिकी में मृतक के पिता मो जमाल ने कहा है कि नवादा निवासी जयकिशोर दूबे की पुत्री फोन पर हमेशा बात करके मेरे लड़के को परेशान करती थी. इसकी शिकायत पूर्व में भी जयकिशोर दूबे से की गयी थी. इस पर उन लोगों ने गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी दी.
गत शाम बुला कर ले गये थे : कहा गया है कि 19 जुलाई की शाम करीब 6 बजे नीरज कुमार मेरे लड़का को बुलाकर ले गया. जब लड़का देर रात तक घर नहीं आया तो खोजबीन की. राजकिशोर दूबे के घर गये तो वहां बैठे सभी लोग गाली-गलौज करते हुए मारपीट करने पर उतारू हो गये. बुधवार की सुबह हल्ला सुनकर गये तो मेरे पुत्र सिकंदर का शव था. मुझे पूर्ण विश्वास है कि साजिश के तहत मेरे पुत्र को घर से बुलाकर बीती रात्रि में जयकिशोर दूबे, देवनाथ दूबे, नीरज कुमार, रितेश कुमार, नितेश कुमार, यूसू कुमार, सुरभि कुमारी, ममता देवी, रंभा देवी एवं भगवान दूबे ने मिलकर हत्या कर दी.
पंचायत बुलाकर शांति का प्रयास : सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रशासन द्वारा पंचायत कर मामले को सुलझाने एवं शांति व्यवस्था बनाये रखने पर चर्चा हुई. इस दौरान अनुमंडल पदाधिकारी ने नकद 20 हजार एवं कबीर अंत्येष्ठी योजना के पंद्रह सौ रुपये मृतक के पिता को दिये. सामाजिक कार्यकर्ताओं की मांग थी कि इन्हें 4 लाख रुपये मुआवजे के रूप में दिये जाएं.
लोगों का कहना था कि इसी प्रकार के केश में चकअलहाद में पीड़ित परिवार को चार लाख मुआवजा मिला था. इसके बाद एसडीओ तथा एसडीपीओ ने आश्वासन दिया कि पूर्व के अभिलेख को देखकर राशि दिलायी जायेगी. साथ ही मुख्यमंत्री श्रमिक शताब्दी योजना अंतर्गत सरकार से एक लाख की अनुदान राशि के लिए अभिलेख भेजने का निर्देश अंचलाधिकारी सुमन कुमार मल्ल को दिया. वहीं आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी का भी आश्वासन दिया. आश्वासन के बाद करीब छह घंटे की सड़क जाम को हटाया गया. इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया.
जानलेवा है प्रखंड कार्यालय का रास्ता