वैशाली में बनेगा दूसरा बड़ा स्तूप

स्तूप की स्थापना के बाद आयेगा भगवान बुद्ध का अस्थिकलश वैशाली. देश का पत्थर का दूसरा सबसे बड़ा स्तूप वैशाली में बनेगा. लगभग 76 एकड़ भूमि पर वैशाली में लगभग 150 करोड़ की लागत से स्तूप, थीम म्यूजिकल मेडिटेशन सेंटर, पुस्तकालय, विजिटर सेंटर, गेस्ट हाउस आदि का निर्माण कराया जायेगा. ये बातें वैशाली के पूर्व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2016 6:05 AM
स्तूप की स्थापना के बाद आयेगा भगवान बुद्ध का अस्थिकलश
वैशाली. देश का पत्थर का दूसरा सबसे बड़ा स्तूप वैशाली में बनेगा. लगभग 76 एकड़ भूमि पर वैशाली में लगभग 150 करोड़ की लागत से स्तूप, थीम म्यूजिकल मेडिटेशन सेंटर, पुस्तकालय, विजिटर सेंटर, गेस्ट हाउस आदि का निर्माण कराया जायेगा. ये बातें वैशाली के पूर्व सांसद व राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह ने वैशाली के थाई मंदिर में प्रेस वार्ता के दौरान कहीं.
उन्होंने कहा कि इसके लिए अगले माह निविदा निकाली जायेगी. उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध का पवित्र कलश स्थापित करने के लिए बनाये जाने वाले स्तूप का निर्माण कार्य भी इसी वर्ष प्रारंभ हो जायेगा. उन्होंने वैशाली में प्रस्तावित भवन का नक्शा दिखाते हु
उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 के 6 दिसंबर को लंबी लड़ाई लड़ने के बाद न्यायालय ने वैशाली में स्थापित करने का निर्देश दिया था.
लेकिन, अब छह वर्षों के बाद काम ने गति पकड़ी है. वैशाली के इतिहास पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध का अंतिमवां वर्षावास वैशाली में हुआ और वहीं पर उनका अंतिम प्रवचन भी हुआ. जब भगवान बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था, उस समय उनके शरीर के भस्मावशेष को आठ भाग में बांटा गया था.
उसका एक भाग वैशाली को मिला था, जिसे हमारे पुरखों ने सहेज कर रखा. वर्ष 1958 में काशी प्रसाद जायसवाल शोध संस्थान के निदेशक डॉ एएस अल्टेकर द्वारा खुदाई में भगवान बुद्ध का पवित्र अस्थि कलश मिला. इसे सुरक्षा की नजर से पटना संग्रहालय में रखा गया है. स्तूप का निर्माण होते ही पवित्र अस्थि कलश वैशाली आ जायेगा.
वैशाली में अस्थि कलश स्थापित होने के बाद यहां घूमने आनेवाले विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और वैशाली का चौमुखी विकास होगा. इस मौके पर थाई मंदिर के पुजारी डॉ पीसी चंद्रा श्री, केदार यादव, मंजु सिंह, हरेंद्र राय सहित अन्य लोग उपस्थित थे.

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