हाजीपुर : बिहार में दो दिन पहले कला एवं संस्कृति मंत्री शिवचंद्र राम द्वारा अपने विधानसभा क्षेत्र वैशाली जिले के राजापाकर के सहदेई ब्लाक के बाढ़ से घिरे गनियारी गांव के किशोरियोंएवं महिलाओं के बीच अनकवर्ड सेनेटरी नेपकिन बांटे जाने की खबर मीडिया में आने के बाद जिला प्रशासन ने सफाई दी है. वैशाली डीएम रचना पाटिल ने रविवार को कलेक्टरेट में प्रेस कॉन्फ्रेन्स किया और जिला प्रशासन की और से इस मामले में सफाई दी.
इस दौरान डीएम ने यह तो स्वीकार किया कि मंत्री शिवचंद्र राम ने सेनेटरी नेपकिन बांटी लेकिन नेपकिन खुली हुई नहीं थी, पैकेट में बंद थी.दरअसल, बाढ़ पीड़ितों के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाया गया था जहां मंत्री शिवचंद्र राम पहुंचे थे और उन्होंने वहां मौजूद एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को तत्परता से बाढ़ पीड़ितों के स्वास्थ्य की देखभाल करने का निर्देश दिया था. इसी दौरान मंत्री ने नेपकिन के कुछ बंद पैकेट बांटे थे. मंत्री का बाढ़ प्रभावित इलाके में लड़कियों के बीच अनकवर्ड नैपकिन बांटते हुए ली गयी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी.
इसके बाद सोशल मीडिया पर जहां मंत्री के इस कदम की तीखी आलोचना हो रही है. वहीं मंत्री के नैपकिन देते हुए फोटो खिंचवाने को गलत बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि जब मंत्री जी पैकेट बांट रहे थे उस वक्त उन बच्चियों के साथ उनके घरवाले भी मौजूद थे. मंत्री ने सबके सामने ही नैपकिन देना शुरू कर दिया. जिससे वहां खड़ी लड़कियों ने हाथ तो बढ़ाए लेकिन वह शर्म के मारे इधर-उधर देखने लगीं.
वहीं, कहा जा रहा है कि नैपकिन लेते वक्त लड़कियां असहज थी जबकि मंत्री जी फोटो खिंचवाने में व्यस्त थे. आम लोगों का कहना है कि मेडिकल स्टोर पर भी सेनेटरी पैड को केमिस्ट लिफाफे में या किसी बैग में पैक करके देते हैं. सोशल मीडिया पर मंत्री के फोटो वायरल होने के बाद उस पर टिप्पणी करने वालों की भरमार है कई लोगों ने इसे सही बताया है तो कईयों ने मंत्री की जमकर खिंचाई की है.