शहर के वार्डों में व्याप्त समस्याओं और नागरिकों की सुविधाओं के लिए प्रभात खबर ने शहर में वार्ड स्कैन का अभियान चला रखा है. इसी कड़ी के तहत हमारे संवाददाता शहर के प्रतिदिन निर्धारित वार्ड में पहुंच कर लोगों से बात करते हैं. उनकी समस्याओं से रू-ब-रू होते हैं. उन्हें खबरों के माध्यम से नगर पर्षद तथा जिला प्रशासन तक पहुंचाते हैं. हमारा यह प्रयास संबंधित
पदाधिकरियों के सामने लोगों की समस्याओं का उजागर करना है. इस कड़ी में वार्ड संख्या 08 से संबंधित समस्याओं को सामने लाया जा रहा है. पेश है वार्ड की स्कैन रिपोर्ट.
हाजीपुर : वार्ड संख्या 08 की ज्यादातर गलियों का हाल किसी गांव-कसबों से काम नजर नहीं आता है. शहर के मुख्य मार्गों से सटे वार्ड में पर्षद और सभापति के नदारद रहने की शिकायत सभी लोगों ने की है. चारों तरफ फैली गंदगी, सड़क, नाला, पानी और स्ट्रीट लाइट जैसी कई समस्याएं हैं, जो नागरिकों की परेशानी का कारण बनी रहती हैं. यहां लोगों को अपने वार्ड पार्षद से काफी शिकायतें हैं. पतली सड़क का निर्माण कुछ गलियों में किया गया है,
लेकिन कई गालियां पक्की सड़क से नदारद हैं. कुछ सड़कें इस कदर हैं, जिससे देखने से यह कहना मुश्किल है कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढे में सड़क. ज्यादातर सड़कों पर कादो-कीचड़ नजर आता है. सड़क किनारे का नाला बनाने का काम नहीं हुआ है, जिससे रहनेवाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बरसात के दिनों में पानी सड़क किनारे जमा मिलता है, और सड़कें छोटे-छोटे तालाब में तब्दील हो जाती हैं. वार्ड में कई जगह जमे हुए पानी और उसमें फेंके गये कचड़े से दुर्गंध निकलती रहती है. इसके कारण यहां कीटाणुओं की भरमार और फैलाव देखा जा सकता है,
जो कई तरह की बीमारियों को भी जन्म देता है. लोगों का कहना है कि सफाईकर्मी कूड़ा उठाने नहीं आते हैं और कुछ गलियों में ही अपनी खानापूर्ति कर चले जाते हैं. सफाईकर्मी किसी शिकायत की परवाह नहीं करते हैं. पीने के पानी का सप्लाइ भी एक बड़ी समस्या है. लोगों को अक्सर पानी की समस्या से जूझना पड़ता है. ज्यादातर परिवार पेयजल के लिए पानी खरीदने को विवश हैं. गलियों में पाइप लाइन बिछा दिया गया है. लेकिन वहां भी सप्लाइ का पानी नहीं आता है.
स्ट्रीट लाइट भी नदारद : कई गलियों में बिजली के खंभों पर स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी रहती है और शाम होते ही गलियां अंधकारमय हो जाती हैं. कुछ गलियां ऐसी हैं, जहां लाइट लगी ही नहीं हैं. यहां लोगों की शिकायत तक नजरअंदाज कर दी जाती हैं. पदाधिकारी भी मामले को गंभीरता से नहीं लेते और ताल-मटोल कर जाते हैं.
पानी निकासी सबसे बड़ी समस्या : ज्यादातर गलियां ऐसी हैं, जहां नाला नहीं होने से घरों का निकला पानी सड़क के किनारे फैला है. सड़क किनारे चंद कदमों पर कूड़ा-कचरा फैला है. वार्ड में सारा कूड़ा रोड किनारे फेंका हुआ देखा गया. कूड़े-कचरे को इकट्ठा किये जाने और उसे उठाने का काम भी कई-कई दिनों बाद किया जाता है. इससे यहां रहनेवाले लोगों को काफी परेशानी होती है. इतना कूड़ा होने के बावजूद पूरे वार्ड में सिर्फ एक कूड़ादान नजर आया, जो टूटा और बिखरा पड़ा था.
सरकारी स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र का पता नहीं : शहर के कई वार्डों में यह समस्या है, लेकिन इस वार्ड के लोगों का आरोप है कि इस वार्ड के विकास के लिए नगरपालिका कभी गंभीर नहीं रही. स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र है या नहीं इसकी लोगों को जानकारी नहीं है.
पानी की बहुत बड़ी समस्या है. यहा पाइपलाइन तो डाला गया है, लेकिन पानी का सप्लाइ नहीं दिया गया है. बड़ी-बड़ी सड़कें बनायी जा रही हैं, लेकिन रोड को जोड़ने वाली छोटी-सी सड़क पर नगर पर्षद का ध्यान नहीं है. कूड़ा उठाव का काम भी नगर पर्षद को प्रत्येक दिन करना चाहिए.
किरण देवी, गृहिणी
नगर पर्षद को चाहिए कि वह रोड किनारे फैले कचरे से प्रतिदिन उठा लिया करे और हर जगह कूड़ेदान की व्यवस्था करे. वार्ड में नालों की मरम्मत का काम बेहद जरूरी हैं, जो इस वार्ड की सबसे बड़ी समस्या है, जिस पर सबसे पहले ध्यान देना चाहिए.
मुकेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव वरिष्ठ नागरिक
नगर पार्षद कभी हमारे वार्ड की तरफ नजर नहीं आते हैं. उनका विकास का काम इस वार्ड के लिए भी होना चाहिए, जो कहीं भी नजर नहीं आता है. यहां सफाई कर्मी भी नहीं आते हैं और दूसरे गलियों में आते हैं, तो खानापूर्ति कर चले जाते हैं. हमारी गली में सड़क निर्माण का काम अभी तक नहीं किया गया हैं.
राजकुमारी देवी, वरिष्ठ नागरिक
वार्ड में नाला नहीं होने के कारण सड़क की दोनों तरफ घरों का कूड़ा-कचरा फेंका जाता है, जो संक्रमित हो जाता है. उससे काफी बदबू भी आने लगती है. गरमी के दिनों में तो हमलोग खुद इसे इकट्ठा कर जला देते हैं, लेकिन, यहां बदबू फैली होती है.