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बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में महामारी फैलने की आशंका

अलर्ट Â सभी बाढ़ग्रस्त गांवों व बसावटों में ब्लीचिंग पाउडर आदि का होगा छिड़काव हाजीपुर : जिले के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पानी घटने के बाद अब महामारी फैलने का खतरा सताने लगा है. स्वास्थ विभाग ने इस आशंका के मद्देनजर अलर्ट जारी किया है. बाढ़ग्रस्त इलाकों में जल स्तर में कमी होने के बाद पानी […]

अलर्ट Â सभी बाढ़ग्रस्त गांवों व बसावटों में ब्लीचिंग पाउडर आदि का होगा छिड़काव

हाजीपुर : जिले के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पानी घटने के बाद अब महामारी फैलने का खतरा सताने लगा है. स्वास्थ विभाग ने इस आशंका के मद्देनजर अलर्ट जारी किया है. बाढ़ग्रस्त इलाकों में जल स्तर में कमी होने के बाद पानी में डूबे जीव जंतुओं, मरे हुए मवेशियों, वनस्पतियों एवं अन्य अवयवों के सड़ने-गलने से महामारी फैलने की आशंका उत्पन्न हो गयी है. विभाग की ओर से महामारी एवं जलजनित बीमारियों से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया है. विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन द्वारा जारी निर्देश में ब्लीचिंग पाउडर एवं चूना के मिश्रण का छिड़कव करने को कहा गया है.
डीएम ने दिया आदेश, छिड़काव के लिए बनी कार्ययोजना : जिले के सभी बाढ़ग्रस्त गांवों और बसावटों में ब्लीचिंग पाउडर एवं चूना आदि का प्रचुर मात्रा में छिड़काव किया जाना है. जिलाधिकारी सह जिला स्वास्थ समिति की अध्यक्ष रचना पाटील के आदेश पर इसके लिए कार्ययोजना तैयार की गयी है.
कार्ययोजना के मुताबिक, छिड़काव का कार्य ग्राम स्तर पर गठित ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समिति की देखरेख में किया जाना हैं. छिड़काव कार्य आशा, आंगनबाड़ी सेविका, विकास मित्र, टोलासेवक एवं जीविका समूह की महिलाओं द्वारा किया जायेगा. इस कार्य में मुखिया समेत अन्य पंचायत प्रतिनिधियों एवं पंचायत चुनाव में हारे हुए निकटतम प्रत्याशियों का सहयोग लिया जायेगा.
जच्चे-बच्चे की देखभाल व टीकाकरण पर जोर : बाढ़पीड़ित इलाकों में जन्म लेनेवाले बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है. आशा एवं एएनएम को प्राथमिकता के आधार पर जननी एवं बाल सुरक्षा का कार्य करने को कहा गया है. ऐसे घरों में जाकर नवजात शिशु को देखने और जन्म देनेवाली माताओं को प्रसव के बाद मिलनेवाली सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा गया है.
बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की जंग शुरू
हर पंचायत को चार बोरा ब्लीचिंग, 20 बोरा चूना
सिविल सर्जन डॉक्टर इंद्रदेव रंजन ने बताया कि जिला स्तर से ब्लीचिंग पाउडर, चूना आदि सामग्रियां संबंधित प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को उपलब्ध करायी जा रही हैं. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का दायित्व होगा कि बाढ़ग्रस्त गांव में ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समिति को पर्याप्त मात्रा में इन सामग्रियों की आपूर्ति सुनिश्चित करें. समिति द्वारा सामग्रियों का भंडारण संबंधित गांव के सरकारी विद्यालय,
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या अन्य सार्वजनिक स्थान पर करना है. छिड़काव के लिए विभागीय आदेश के आलोक में प्रत्येक पंचायत को चार बोरा ब्लीचिंग पाउडर और 20 बोरा चूना उपलब्ध कराया जा रहा है. 1:3 के अनुपात में इनका मिश्रण बना कर संबंधित गांव में छिड़काव करना है.
घर-घर होगा हैलोजन टैबलेट का वितरण
बाढ़ के कारण प्रभावित क्षेत्रों में कुएं और चापाकलों का पानी प्रदूषित हो गया है. प्रदूषित पानी पीने से डायरिया एवं अन्य बीमारियां उत्पन्न होने की आशंका है. इसे देखते हुए जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से जल शुद्धीकरण के लिए हैलोजन टैबलेट का वितरण कराया जा रहा है.
बाढ़ग्रस्त गांवों में आशा एवं आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा प्रत्येक घर में हैलोजन टैबलेट का वितरण किया जाना है. साथ ही डायरिया आदि की रोकथाम के लिए सभी आशा को पर्याप्त मात्रा में ओ आरएस तथा जिंक टैबलेट मुहैया कराने के लिए प्रभारी चिकित्सक पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है.

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