उम्रकैद का सजायाफ्ता फरार, प्राथमिकी
हाजीपुर : मंडल कारा हाजीपुर से पेरोल पर निकला सजायाफ्ता कैदी फरार हो गया है. पॉस्को एक्ट के एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा प्रद्युम्न कुमार लोक सेवा आश्रम का संचालक है. बीते 15 सितंबर को मां के इलाज के लिए पेरोल पर वह जेल से बाहर आया था. शनिवार को पेरोल की […]
हाजीपुर : मंडल कारा हाजीपुर से पेरोल पर निकला सजायाफ्ता कैदी फरार हो गया है. पॉस्को एक्ट के एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा प्रद्युम्न कुमार लोक सेवा आश्रम का संचालक है. बीते 15 सितंबर को मां के इलाज के लिए पेरोल पर वह जेल से बाहर आया था. शनिवार को पेरोल की अवधि खत्म होने पर उसे हाजीपुर मंडल कारा में उपस्थित होना था. लेकिन प्रद्युम्न जब नहीं लौटा, तब जेल प्रशासन ने इसका खुलासा किया. उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
जेल अधीक्षक ने दर्ज करायी प्राथमिकी : जेल अधीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि पेरोल की अवधि समाप्त होने के बाद कैदी प्रद्युल्न के वापस नहीं आने पर सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. प्राथमिकी में प्रद्युम्न कुमार के अलावा उसकी बेटी कंगन कुमारी, जमानतदार व भगवानपुर थाना क्षेत्र के सधोपुर जीवन गांव निवासी प्रमोद सिंह और उनके भाई भरत प्रसाद सिंह को नामजद किया गया है. इधर, प्रद्युम्न के अचानक गायब होने की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में खलबली मच गयी. एसपी राकेश कुमार के आदेश पर बेलसर ओपी प्रभारी डी भारती के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम प्रद्युम्न कुमार के घर पहुंची. घर में ताला लटका हुआ था. ग्रामीणों ने बताया कि घर तीन दिनों से बंद है.
प्रद्युम्न लोक सेवा आश्रम का है संचालक
फादर टरेसा के नाम प्रसिद्ध है
बेलसर ओपी क्षेत्र के चकवाजा गांव स्थित लोक सेवा आश्रम का संचालक प्रद्युम्न कुमार को जिले में लोग फादर टरेसा के नाम से जानते हैं. उसने अपने घर के समीप लोक सेवा आश्रम नामक एक संस्था खोल रखी थी. जिले व आसपास के क्षेत्रों में मिले अनाथ बच्चों को उस आश्रम में रखा जाता था. जिले के सामाजिक व व्यवसायी के अलावा विदेशों से भी इस संस्था के संचालन के लिए सहायता राशि मुहैया करायी जाती थी.
भोजपुरी फिल्म अभिनेता मनोज कुमार ने भी इस आश्रम में पहुंच कर अनाथ बच्चों के रख-रखाव के लिए सहायता राशि उपलब्ध करायी थी. चार साल पहले गुप्त सूचना पर पुलिस ने आश्रम में छापेमारी की और तहखाने में बंधक बना कर रखी गयी तीन किशोरियों को बरामद किया गया था. नाबालिग बच्चियों के बयान पर बेलसर ओपी में प्राथमिकी दर्ज करते हुए पुलिस ने प्रद्युम्न को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. बाद में पॉस्को कोर्ट ने गवाहों के बयान और साक्ष्य के आधार पर उसे उम्रकैद की सजा सुनायी थी. इसके बाद से वह हाजीपुर मंडल कारा में बंद था.
पॉस्को एक्ट के एक मामले में कोर्ट ने सुनायी थी उम्रकैद
पुलिस को पांच दिन पहले मिली थी सूचना
बीते 28 सितंबर को प्रद्युम्न कुमार की बेटी कंगन कुमारी ने अपने पिता के लापता होने की सूचना देने बेलसर ओपी में दी थी. मामला पीएमसीएच का होने के कारण पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की. इसी क्रम में पुलिस को यह जानकारी मिली थी कि पेरोल पर बाहर आने के बाद प्रद्युम्न बीमार मां का इलाज कराने पीएमसीएच गया था. इसके बाद वह अचानक गायब हो गया.