नीतीश सरकार के कामकाज पर राजद नेता ने उठाया बड़ा सवाल

वैशाली : बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कामकाज और नेतृत्व पर राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने एक बार फिर सवाल खड़ा किया है. जानकारी के मुताबिक मीडिया से बातचीत में रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार में महागंठंबधन की सरकार में काम सही तरीके से नहीं रो रहा है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2016 5:26 PM

वैशाली : बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कामकाज और नेतृत्व पर राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने एक बार फिर सवाल खड़ा किया है. जानकारी के मुताबिक मीडिया से बातचीत में रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार में महागंठंबधन की सरकार में काम सही तरीके से नहीं रो रहा है. खासकर रघुवंश प्रसाद सिंह ने बिहार सरकार के शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि इन दोनों विभागों की समीक्षा ठीक ढंग से होनी चाहिए. रघुवंश प्रसाद सिंह ने बिहार के शिक्षकों के समय पर वेतन भुगतान की वकालत करते हुए उनकी सेवा शर्त को जल्द लागू करने की बात कही. साथ ही सरकार को इस पर जल्द निर्णय लेने की बात कही.

जनता को हिसाब दे सरकार: रघुवंश

राजद नेता ने कहा कि बिहार में जो महागंठबंधन की सरकार है उसके एक वर्ष पूरे होने वाले हैं. तीनों दलों ने चुनाव के वक्त सामूहिक विकास का खाका तैयार किया था उसे उन्होंने कहा कि बिहार में राजद, जदयू एवं कांग्रेस की महागंठबंधन की सरकार है, जिसके एक वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। तीनों दलों ने विकास का जो खाका तैयार किया था उसपर काम होना चाहिए. रघुवंश प्रसाद ने बिहार सरकार द्वारा अबतक किये गये कार्यों को जनता के बीच लाने की वकालत की. उन्होंने कहा कि बयानबाजी से बचते हुए मंत्रियों और नेताओं को अपने काम पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने पथ निर्माण विभाग के समीक्षा की आवश्यकता भी जतायी. वैशाली में कई सड़क परियोजनाओं के अधूरा रहने की बात कहते हुए कहा कि उसे जल्द पूरा करना चाहिए.

भाजपा पर भी बोला हमला

रघुवंश प्रसाद सिंह ने केंद्र सरकार पर बिहार की हकमारी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह जनसंघ की नहीं धनसंघ की सरकार है. बीजेपी सिर्फ और सिर्फ पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाली पार्टी है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में मोदी सरकार द्वारा बदलाव किये जाने को अनुचित ठहराते हुए रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि अब मोदी की सरकार इस योजना में साठ फीसदी केंद्र और चालीस फीसदी राज्य के फार्मूले पर काम कर रही है. यह पूरी तरह गलत है.

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