हाजीपुर:बिहार के हाजीपुर में सराय ठाकुरबाड़ी से चोरों ने किवाड़ का ताला काटकरअष्टधातु की बनी भगवान श्रीराम की बेशकीमती मूर्तिगायबकरदी. आठ किलों की अष्टधातु की पुरानी मूर्ति की कीमत करोड़ों में बतायी गयी है. सोमवार की सुबह एक श्रद्धालु महिला पूजा करने के दौरान गायब मूर्ति के बारे में मंदिर के सचिव मनोहर साह को सूचना दी.जिसकेबाद सराय थानाध्यक्ष शहनाबाज खां भीवहां पहुंचे.
लोगों की मांग पर मुजफ्फरपुर से श्वान दस्ता भी बुलाया गया. कोई सुराग नहीं मिलने पर पुजारी सुरेश पांडेय के बयान पर अज्ञात चोरों के खिलाफ सराय थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी. पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में अष्टघातु की मृर्ति गायब करने में किसी स्थानीय व्यक्ति की संलिप्ता उजागर हो रही है. ठाकुरबाड़ी में सीता और लक्षमण की मृर्ति भी है लेकिन पीतल का होने के कारण उसे छोड़ दिया गया.
सराय बाजार स्थित ठाकुरबाड़ी मंदिर से चोरी हुई श्री रामकी मूर्तीकेबारे में मंदिर कमेटी के पूर्व सचिव करीब 80 वर्षीय नागेन्द्र साह बताते हैं कि मंदिर की स्थापना कब हुई यह सराय बाजार के कोई भी बुजुर्ग को पता नहीं है. लेकिन लोगों का कहना है कि रैना स्टेट नामक एक परिवार के लोगों ने इस मंदिर की स्थापना की थी.
सन 1962 में किसी साधु ने मंदिर प्रागंण में रूकते थे, जिन्होंने ही मंदिर में पूजा करने के द्रव्याण श्री राम, लक्ष्मण और जानकी के स्थापित मूर्ती में श्री रामकी मूर्ती को अंग भंग देखकर उस समय मंदिर के रहे सचिव स्व. हीरा लाल साह को मूर्ती बदलने को कहा था. उसी वक्त यानी 1962 में ही स्व. साह ने 23,000 हजार रुपये में खरीद कर अष्ठधातु की मूर्तीको स्थापित किया था. तब से श्री राम के अष्ठधातु की मूर्ती इस मंदिर में स्थापित थे.
वहीं, भगवान श्रीराम की मूर्ति चोरी की घटना के बाद वहां पहुंचा एक हनुमान क्षेत्र में कौतुहल का विषय बना हुआ है. हनुमान कभी ठाकुरबाड़ी की छत पर तो कभी परिसर में आवले के पेड़ पर बैठकर बार-बार मूर्ति के स्थान की ओर देखता है. श्वान दस्ता के पीछे-पीछे एनएच-77 तक गया. ग्रामीणों की बैठक के दौरान भीड़ में आकर बैठ गया. श्री राम की मूर्ति चोरी होने और एक हनुमान की सक्रियता देख ग्रामीण से लेकर पुलिस पदाधिकारी भी हतप्रद है.