महुआ : बिहार को नशे से मुक्त करने को लेकर राज्य सरकार ने शराबबंदी कानून 05 अप्रैल, 2016 को लागू की. सरकार की घोषणा के बाद पूरे प्रदेश में शराब का धंधा बंद हो गया. बीते तीन महीनों में महुआ में लाखों रुपये की शराब बरामद हो चुकी है. इसके बाद भी चौक-चौराहों पर शराब मिल जा रही है. बेरोजगार लोग इस धंधे में जुट गये हैं. उनके द्वारा शराब की होम डिलिवरी की जा रही है. जानकारी के अनुसार, जो शराब पहले 300 रुपये में लाइसेंसी दुकानों पर मिलती थी,
उसकी नौ सौ रुपये में होम डिलिवरी हो जा रही है. लोगों का कहना है कि सूबे में एक साल पहले शराबबंदी कानून लागू हो गयी, इसके बाद भी शराब की घड़ल्ले से बिक्री होना चिंताजनक है. शराब के धंधेबाजों पर नकेल कसने के लिए पुलिस रात-दिन छापेमारी कर रही है. इसके बावजूद शराब की इतनी बड़ी खेप कैसे पहुंच जा रही है. सूत्रों की मानें, तो अब धंधेबाज ताड़ी में ही शराब मिला कर बेच रहे हैं.