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शिक्षकों का विरोध जारी
हाजीपुर : वित्त रहित आंदोलनकारियों पर प्रशासनिक शिकंजा कसने की बात सामने आने के बाद वित्तरहित कर्मियों एवं शिक्षकों ने सीबीएसइ से संबद्धता प्राप्त स्कूल के शिक्षकों एवं निजी स्कूलों के शिक्षकों से आंदोलन में सहयोग करने की अपील की है. मालूम हो कि 24 दिनों से वित्त रहित शिक्षकों एवं कर्मियों का आंदोलन चल […]
हाजीपुर : वित्त रहित आंदोलनकारियों पर प्रशासनिक शिकंजा कसने की बात सामने आने के बाद वित्तरहित कर्मियों एवं शिक्षकों ने सीबीएसइ से संबद्धता प्राप्त स्कूल के शिक्षकों एवं निजी स्कूलों के शिक्षकों से आंदोलन में सहयोग करने की अपील की है. मालूम हो कि 24 दिनों से वित्त रहित शिक्षकों एवं कर्मियों का आंदोलन चल रहा है.
बीते दिनों जिला प्रशासन की ओर से वैशाली महिला कॉलेज एवं जमुनीलाल कॉलेज स्थित मूल्यांकन केंद्रों के आसपास निषेधाज्ञा आदेश जारी किया गया. दोनों मूल्यांकन केंद्रों पर कई दिनों से धरना सभा का आयोजन कर आंदोलनकारी अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद कर रहे थे. निषेधाज्ञा आदेश जारी होने के बाद मूल्यांकन केंद्रों के बाहर दो सौ मीटर की परिधि में धरना सभा नहीं किया जा सका.
वहीं, दूसरी ओर इंटर एवं मैट्रिक मूल्यांकन कार्य के लिए सीबीएसई से संबद्धता प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों एवं निजी स्कूलों के शिक्षकों को सरकार की ओर से आमंत्रित किये जाने के बाद वित्तरहित आंदोलनकारियों ने शिक्षकों से आंदोलन में सहयोग करने की अपील की. वित्तरहित शिक्षकों का कहना है कि सरकार उन्हें बरखास्तगी का भय दिखा कर आंदोलन को कमजोर करने का प्रयास कर रही है. वहीं, दूसरी ओर वित्तरहित कर्मियों को अपना कर्मचारी मानने से भी इनकार कर रही है. शिक्षकों ने कहा कि यह हास्यास्पद है.
बिहार इंटरमीडिएट शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी संघ के जिला संयोजक प्रो. प्रशांत कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब तक अधिग्रहण एवं वेतनमान की मांग स्वीकार नहीं की जाती, तब तक आंदोलन किसी-न-किसी रूप में चलता रहेगा. उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलन को जितना दबाने का प्रयास करेगी, आंदोलन उतना ही उग्र होता चला जायेगा. शुक्रवार को भी इंटर मूल्यांकन एवं प्रायोगिक परीक्षा का बहिष्कार किया गया. मूल्यांकन केंद्रों से दो सौ मीटर की दूरी पर धरना सभा का आयोजन किया गया.
जिला प्रशासन से मांगा सहयोग : सभा का संचालन कर रहे प्रो. अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि वित्तरहित कर्मियों के आंदोलन से जिला प्रशासन के कार्य में कोई बाधा नही पहुंची है. उन्होंने जिला प्रशासन से भी मुमकिन सहयोग करने का अनुरोध किया. प्रशासन द्वारा आंदोलनकारी शिक्षकों पर प्राथमिकी करने की बात पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया कि क्या अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करना अपराध है. इस मौके पर प्रो. विजय कुमार, जियाउद्दीन, समीर, रंधीर कुमार, इंद्रदेव कुमार सहित अन्य मौजूद थे.
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