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प्रावधानों के विपरीत बारह वर्ष तक अस्पताल में रहे चिकित्सा पदाधिकारी

हाजीपुर : स्वास्थ्य विभाग के प्रावधानों के विपरित एक चिकित्सा पदाधिकारी 12 वर्षों तक लालगंज रेफरल अस्पताल में पदस्थापित रहे. 12 वर्षों के बाद दो वर्ष के लिए उनका तबादला जिले के सहदेई बुजुर्ग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में किया गया. अब वे फिर से लालगंज रेफरल अस्पताल में पदस्थापित हैं. इसका खुलासा आरटीआइ के तहत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2017 7:08 AM

हाजीपुर : स्वास्थ्य विभाग के प्रावधानों के विपरित एक चिकित्सा पदाधिकारी 12 वर्षों तक लालगंज रेफरल अस्पताल में पदस्थापित रहे. 12 वर्षों के बाद दो वर्ष के लिए उनका तबादला जिले के सहदेई बुजुर्ग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में किया गया. अब वे फिर से लालगंज रेफरल अस्पताल में पदस्थापित हैं. इसका खुलासा आरटीआइ के तहत अखिल भारतीय किसान महासभा के वैशाली प्रखंड संयोजक को प्राप्त सूचना के माध्यम से हुआ.

स्वास्थ्य विभाग से मिली सूचना के आधार पर प्रखंड संयोजक रामदेव प्रसाद राय उर्फ राजू राय ने बताया कि 9 जून, 2001 से 15 जुलाई, 2013 तक चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शशिभूषण प्रसाद लगातार लालगंज रेफरल अस्पताल में पदस्थापित रहे. 16 जुलाई, 2013 से 28 मई, 2015 तक उन्होंने सहदेई बुजुर्ग पीएचसी में कार्यभार संभाला और पुन: 29 मई, 2015 से लगातार अब तक लालगंज रेफरल अस्पताल में पदस्थापित हैं.

किसान नेता श्री राय ने यह भी बताया कि उक्त चिकित्सा पदाधिकारी का लालगंज रेफरल अस्पताल के बगल में संजीवनी नाम से एक नर्सिंग होम एवं मैटरनिटी सेंटर भी संचालित हो रहा है. उन्होंने बताया कि कई बार रेफरल अस्पताल में चिकित्सा पदाधिकारी के अनुपस्थित रहने की वजह से अस्पताल में हंगामा भी हुआ. स्वास्थ्य विभाग के नियमों के अनुसार कोई भी गजटेड पदाधिकारी तीन वर्ष से अधिक एक केंद्र पर पदस्थापित नहीं रह सकते.

प्रखंड संयोजक का कहना है कि अमीरों के इलाज के लिए हर जगह सुविधाएं उपलब्ध हैं, पर गरीबों का सहारा एकमात्र सरकारी स्वास्थ्य केंद्र ही होता है. विभाग के प्रधान सचिव से किसान नेता ने अनुरोध किया है कि मामले की अपने स्तर से जांच करा कर व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिये जाये. किसान नेता ने प्रधान महासचिव को दिये गये आवेदन की छायाप्रति राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव, डीएम और सिविल सर्जन को भी भेजी है.
तबादले में बरती जाती है नरमी
चिकित्सकों के तबादले में स्वास्थ्य विभाग विवशता के कारण नरमी बरतता है. क्योंकि कम समय में किसी स्वास्थ्य केंद्र से अगर किसी चिकित्सक का तबादला होता है, तो फिर संबंधित पद पर योगदान करने में चिकित्सक आनाकानी करने लगते हैं और इसके कारण स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था पर उसका प्रतिकूल असर पड़ने लगता है.
डॉ इंद्रदेव रंजन, सिविल सर्जन, वैशाली

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