नगर के वार्ड नंबर नौ में नाले की समस्या से परेशानी झेल रहे लोगों को नयी वार्ड पार्षद से उम्मीद है कि वह इसका निराकरण करेंगी. सामान्य वर्ग महिला सीट के रूप में रिजर्व हुए इस वार्ड से सोनी कुमारी पार्षद चुनी गयी हैं. वार्डवासियों का कहना है कि यहां न नाले की सुविधा है, न कूड़ा-कचरा डालने के लिए कूड़ेदान की व्यवस्था है.
नगर के नखास चौक से लेकर अंदरकिला के बीच फैले इस वार्ड में लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या है कि घर का पानी कहां बहाएं और कचरा कहां फेंके. नखास चौक, अंदरकिला रोड में किरण देवी, सुषमा देवी, लालती देवी समेत अन्य महिलाओं ने बताया कि मुहल्ले में सबसे बड़ी समस्या पानी की निकासी की है. सड़क तो बनी, लेकिन नाला नहीं होने से परेशानी झेलनी पड़ रही है. बरसात के मौसम में सड़क पर हमेशा पानी लगा रहता है. कूड़ा-कचरा डालने का उचित स्थान नहीं होने के कारण अलग जाकर दूसरे की जमीन या हाते में कूड़ा फेंकना पड़ता है.
इसके चलते उलाहना भी सुनना पड़ता है. वार्ड में सड़कों का पक्कीकरण तो हुआ, लेकिन गलियों की स्थिति नहीं सुधरी. हाजी इलियास पार्क के रूप में शहर को पहला पार्क देने वाले इस वार्ड के विभिन्न स्थानों पर कूड़े-कचरे का ढेर लगा है. गली-मुहल्लों में आवासीय परिसरों के इर्द-गिर्द पसरी गंदगी से लोग हमेशा परेशानी महसूस करते हैं. वार्ड की महावीर कॉलोनी में बिजली के जर्जर तार झूल रहे हैं, जो कभी भी हादसे का कारण बन सकते हैं. मुहल्ले के लोग इससे हमेशा सहमे रहते हैं.
लोगों ने बताया कि बार-बार ध्यान दिलाने के बावजूद यहां न बिजली का पोल लगाया गया, न ही जर्जर तारों की जगह केबुल लगाया गया. सड़क से काफी कम ऊंचाई पर तार गुजरने के कारण लोगों के इसकी चपेट में आने का खतरा बना रहता है.
पेयजल, सड़क व नाले की समस्या झेल रहे हैं वार्डवासी
नगर के वार्ड 10 की सूरत बदलने का यहां के लोगों को इंतजार है. वार्ड के अधिकतर इलाके में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. कहीं सड़क, तो कहीं नाले की कमी है. कहीं रोशनी के अभाव में लोग अंधेरे में रहने को बाध्य हैं. नगर के नखास चौक से लेकर कोनहारा घाट तक और पावर हाउस के पीछे का इलाका इस वार्ड में शामिल है. वार्ड में दलितों की सर्वाधिक आबादी है.
दलित बस्ती के लोग पेयजल, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे हैं. दो सौ से अधिक परिवारों की इस बस्ती में आवागमन के लिए कोई सड़क नहीं है. पगडंडी के सहारे लोगों का जाना-आना होता है. बस्ती के लोग बताते हैं कि सड़क के अभाव में शादी-विवाह के मौके पर दरवाजे तक बरात भी नहीं पहुंच पाती. बस्ती में पेयजल का भी घोर संकट है. वाटर सप्लाइ की बात तो दूर, यहां चापाकल भी नहीं है. वर्षों पहले पूर्व के पार्षद द्वारा जो चापाकल लगाये गये थे, वह भी कारगर नहीं रहे. सभी चापाकल बेकार हो गये हैं. कुछ लोगों ने निजी तौर पर चापाकल लगा रखा है, जिससे बस्ती वालों की प्यास बूझ रही है.
वार्ड में साफ-सफाई की बुरी स्थिति है. मुहल्लों व गलियों में गंदगी का साम्राज्य दिखता है. वार्डवासी कहते हैं कि न तो यहां नियमित रूप से सड़कों की सफाई करने स्वीपर आते हैं और न ही कूड़े-कचरे का उठाव होता है. नखास चौक पर सड़क पर ही मछली बाजार लगाये जाने से यहां के लोग परेशानी महसूस करते हैं. चौक पर अतिक्रमण के कारण आवागमन मुश्किल होता है. वार्ड के अधिकतर पोलों की लाइटें खराब पड़ी हैं. कई पोल पर लाइट ही नहीं लगी है.
वार्ड के गांधी नगर में नाले के अभाव में सड़क पर पानी जमा रहता है. वार्ड के शहजादपुर अंदरकिला में भी लोगों ने नाले व पेयजल की समस्या बतायी. अनुसूचित जाति महिला आरक्षित इस वार्ड से चनचन देवी उर्फ चंचल देवी पार्षद चुनी गयी हैं. वार्ड वासियों ने नयी पार्षद से समस्याओं के निदान की उम्मीद लगा रखी है.