Video: बिहार में शराबबंदी को लेकर उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा बयान, बोलें- राज्य में शराबबंदी सफल नहीं
जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने वैशाली जिले में पत्रकारों से बातचीत के दौरान शराबबंदी को लेकर कहा कि राज्य में शराबबंदी पूर्ण रूप से सफल नहीं है. इसे सिर्फ जनता के सहयोग से ही राज्य में सफल किया जा सकता है.
बिहार में नीतीश कुमार द्वारा लागू किए गए शरबबंदी की सफलता का बार बार दावा किया जाता है. लेकिन नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने ही अब शरबबंदी को असफल बता दिया है. उपेंद्र कुशवाहा ने शराबबंदी पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि सिर्फ सरकार के चाहने से शराबबंदी नहीं होगी. जब तक जनता नहीं चाहेगी शराबबंदी सफल नहीं हो सकती. इसलिए अगर में शराबबंदी सफल होने का दावा करूं तो यह गलत होगा. वैशाली में कुशवाहा द्वारा दिए गए इस बयान से विपक्ष को अब सरकार पर हमला करने का एक और मौका दे दिया है.
जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा- "शराबबंदी विफल है- अपराध जारी है " #Bihar #बिहार pic.twitter.com/zADCgtltcv
— Rajesh Kumar Ojha (@RajeshK_Ojha) November 10, 2022
बिहार में शराबबंदी को बताया असफल
दरअसल उपेंद्र कुशवाहा वैशाली जिले के महुआ के सिंघाड़ा गांव में एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पहुंचे थे. यहां पत्रकारों ने उनसे शराबबंदी की सफलता को लेकर सवाल किया, जिसका बड़ी सहजता से जबाव देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में शराबबंदी पूर्ण रूप से सफल नहीं है. हालांकि राज्य की जनता चाहें तो इसे सफल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि शरबबंदी लोगों के फायदे ले लिए ही है और अ लोगों की भागीदारी से ही इसे सफल किया जा सकता है.
गुजरात चुनाव पर बताया जदयू का स्टैंड
उपेन्द्र कुशवाहा ने गुजरात में जदयू के चुनाव लड़ने के मुद्दे पर भी पार्टी का रुख स्पष्ट कर दिया, उन्होंने बताया की जदयू गुजरात में चुनाव लड़ेगी. वहीं बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर भी उन्होंने कहा कि इसक रोकथाम के लिए राज्य की पुलिस लगातार प्रयासरत है. उपेंद्र कुशवाहा ने अब अपने इन सभी बयानों से राज्य सरकार को कतघरे में ला कर खड़ा कर दिया और साथ ही विपक्ष को भी एक बड़ा मुद्दा दे दिया.
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मांझी ने भी शराबबंदी को लेकर दिया था बयान
वहीं इससे पहले महागठबंधन के ‘हम’ पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी कुछ दिन पहले शराबबंदी को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि बिहार में शराबबंदी की समीक्षा होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शराब पीने के आरोप में गरीब लोग पकड़े जा रहे हैं और शराब के बड़े तस्कर आराम से बच जा रहे हैं. लिहाजा ढाई सौ ग्राम पीने वालों को नहीं पकड़ना चाहिए.