वैशाली में अहिंसा परमो धर्म का शंखनाद करने वाले जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर के जन्मदिवस पर आयोजित होने वाला वैशाली महोत्सव इस बार तीन दिनों का होगा. महोत्सव के शुभारंभ के बाद महोत्सव के मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति होगी.
सांस्कृति कार्यक्रम का आगाज स्थानीय मछुआरों द्वारा भगवान महावीर की जीवनी पर आधारित चैता गीता से होगा. इसके बाद जैन समाज से जुड़े लोग धार्मिक भजन व नृत्य की प्रस्तुति देंगे. महोत्सव के पहले दिन हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी भगवान महावीर के ननिहाल बावन पोखर से सुबह दस बजे गाजे-बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली जायेगी. अभिषेक पुष्करणी के उत्तरी तट पर पूजा-अर्चना के बाद नाव पर पर सजी मूर्ति के साथ कलशयात्रा निकाली जायेगी.
14 से 16 अप्रैल तक आयोजित होने वाले वैशाली महोत्सव की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. सैकड़ों की संख्या में स्टेज एवं पंडाल निर्माण के साथ-साथ अभिषेक पुष्करणी के चारों ओर लगे ग्रिल के रंग-रोगन में लगे हुए हैं. आम्रपाली की रंगभूमि व वैशाली के खंडहरों में देर रात तक एक से बढ़ कर एक ख्याति प्राप्त भोजपुरी गायक-गायिका व स्थानीय कलाकारों के तबलों की थाप व पायलों की झंकार गूंजेगी.
31 मार्च 1945 को हाजीपुर के तत्कालीन अनुमंडलाधिकारी स्व जगदीश चंद्र माथुर के विशेष प्रयास से प्रथम वैशाली महोत्सव आयोजन हुआ था. महोत्सव के आयोजन में स्थानीय लोगों का सहयोग एवं प्रशासन की भी अहम भूमिका होती रही है. भगवान महावीर की जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल को बड़ी संख्या में जैन श्रद्धालु और स्थानीय लोगों द्वारा भगवान महावीर के ननिहाल बावन पोखर के पास स्थित जैन मंदिर से गाजे-बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली जायेगी.
शोभायात्रा वैशाली गढ़, हाइस्कूल चौक, अभुचक होते हुए बासोकुंड स्थित भगवान महावीर की जन्मस्थली तक जायेगी. वहां जैन धर्म की परंपरा के अनुसार वैदिक मंत्रोच्चारण व मंगलाचरण के साथ पूजा-अर्चना की जायेगी. वहीं प्राकृत जैन शास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान वैशाली की निदेशक प्रो मंजू बाला ने बताया कि महावीर जयंती के अवसर पर जगदीश चंद्र माथुर स्मृति व्याख्यानमाला 2022 में भगवान महावीर और उनके जीवन दर्शन विषय पर विद्दवत गोष्ठी का आयोजन किया गया है.
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वैशाली महोत्सव के दौरान कृषि विभाग के द्वारा तीन स्टॉल, आत्मा का तीन, उद्यान के दो, पशुपालन का एक, मत्स्य का एक, बैंकिंग का एक, रूडसेट का एक, स्वास्थ्य विभाग के दो, शिक्षा विभाग के दो, विद्युत विभाग के एक, पीएचइडी का एक, कम्फेड का एक, उद्योग का पांच, उत्पाद एवं मद्य निषेध के दो, जीविका का दस, आइसीडीएस के दो, आपूर्ति का एक, परिवहन का एक, आपदा का एक, सामाजिक सुरक्षा एवं दिव्यांगजन का एक, निर्वाचन का एक, नेहरू युवा केंद्र का एक, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का एक, पंचायती राज के दो, डीआरसीसी के तीन, डीआरडीए के दो, वन प्रमंडल का एक कल्याण का एक, अल्पसंख्यक कल्याण का एक, सहकारिता का एक बाल संरक्षण का एक, महिला हेल्प लाइन का एक, ब्रेडा का एक तथा बियाडा का एक स्टॉल लगाने का निर्णय लिया गया.