वाल्मीकि टाइगर रिजर्वः गन्ना के खेत में गैंडा ने जमाया डेरा, जानिए पेड़ पर क्यों बैठ गए वनकर्मी…
Valmik Nagar Tiger Reserve औसानी पंचायत के बांसगांव सबेया गांव के समीप सरेह के गन्ना के खेत में वन क्षेत्र से भटके गैंडा ने डेरा जमा लिया है. इसकी सूचना मिलते ही वीटीआर प्रशासन की बेचैनी बढ़ गयी है
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल दो मदनपुर वन क्षेत्र की मंगलपुर औसानी पंचायत के बांसगांव सबेया गांव के समीप सरेह के गन्ना के खेत में वन क्षेत्र से भटके गैंडा ने डेरा जमा लिया है. इसकी सूचना मिलते ही वीटीआर प्रशासन की बेचैनी बढ़ गयी. वीटीआर के मदनपुर, चिउटाहा व बगहा वन क्षेत्र के रेंजर के नेतृत्व में दो दर्जन से अधिक वन कर्मियों की टीम पहुंच गैंडा को जंगल की ओर लौटाने का प्रयास तथा उसकी निगरानी में लगी हुई है.
बता दें कि शनिवार की अहले सुबह बांसगांव के सबेया गांव के समीप गन्ना के खेत में काम करने गए किसान व मजदूर काम करने के दौरान गन्ने के खेत में गैंडा को देख कर हो हल्ला करने लगे. इसकी सूचना वन विभाग को दी. सूचना मिलते ही वन कर्मियों की टीम मौके पर पहुंच गैंडा की निगरानी में जुट गयी. बगहा वन क्षेत्र अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि गन्ना के खेत में गैंडा दिखने की सूचना मिली थी. सूचना को गंभीरता से लेते हुए मदनपुर, बगहा व चिउटाहा वन क्षेत्र के वन कर्मियों की टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गैंडा की निगरानी करने तथा जंगल की ओर लौटाने के लिए जुट गये.
बोले वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक
वीटीआर के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ. नेशामणी के ने बताया कि गैंडा की निगरानी करायी जा रही है. बगहा रेंजर सुनील कुमार व मदनपुर रेंजर उमेश कुमार के नेतृत्व में वनरक्षी व वन कर्मियों की टीम और चिउटाहा क्षेत्र के गैंडा एक्सपर्ट टीम को लगाया गया है. साथ ही वन कर्मियों द्वारा सरेह में लोगों को जाने से सतर्कता के लिए अपील की गयी है. अगर गैंडा से कोई छेड़छाड़ नहीं करता है, तो वह अपने स्थान पर वापस चला जायेगा. ठंड में कभी-कभी वे अपना रास्ता भटक जाते हैं. गैंडा शाकाहारी होता है, इसलिए उससे जान का खतरा कम होता है. हमारी टीम मॉनीटरिंग कर रही है.