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Valmiki Tiger Reserve: गंडक नदी में मिले 148 घड़ियाल के बच्चे, जानिए रखरखाव की क्या हो रही है व्यवस्था

Valmiki Tiger Reserve: 148 घड़ियाल के बच्चे के बेहतर रखरखाव हेतु गंडक नदी में बगहा से फतेहाबाद (मुजफ्फरपुर) तक 140 किमी लंबे घड़ियाल अधिवास क्षेत्र बनाने का वन विभाग की ओर से प्रस्ताव भेजा गया है.

वाल्मीकिनगर (Valmiki Tiger Reserve) की गंडक नदी में 148 घड़ियाल के बच्चे मिले हैं. यह तब मिले हैं जब एक घोसले के अंडे को सियार और अन्य जीवों ने खा लिया है. वहीं, एक अन्य घोसले के अंडे गंडक नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण बह गए. 148 घड़ियाल के बच्चे के बेहतर रखरखाव हेतु गंडक नदी में बगहा से फतेहाबाद (मुजफ्फरपुर) तक 140 किमी लंबे घड़ियाल अधिवास क्षेत्र बनाने का वन विभाग की ओर से प्रस्ताव भेजा गया है. सरकार से इसकी अनुमति मिलने के बाद रख रखाव की कमी के कारण घड़ियाल के बच्चों की मौत नहीं होगी. डब्ल्यूटीआई के अधिकारियों का कहना है कि वाल्मीकिनगर से मुजफ्फरपुर तक की गंडक में घड़ियाल के इन बच्चों का बेहतर रखरखाव हुआ तो एक बार फिर वाल्मीकिनगर की गंडक नदी में घड़ियालों की संख्या बढ़ जाएगी.

घड़ियालों की मौत के कारण वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में इनकी संख्या में कमी आ जाती है. ऐसे में पिछले साल और इस साल जो बच्चे जन्म लिए हैं, उनको रखने के लिए गंडक नदी में बगहा एक से फतेहाबाद (मुजफ्फरपुर) तक 140 किलोमीटर लंबे घड़ियाल अधिवास क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है.

कैसे होती है घड़ियाल और उनके बच्चों की मौत

– गंडक नदी का जल स्तर बढ़ने से घड़ियालों के अंडें तथा उनके छोटे बच्चों की मौत होती है.

– जल स्तर की अधिक कमी होने से भी मौत हो जाती है.

– मछुआरों द्वारा लगाए गए जाल मे फंसकर भी घड़ियाल के बच्चों की मौत हो जाती है.

– बैट्री संचालित करंट लगाने के कारण भी घड़ियाल समेत अन्य जलीय जीवों की मौत होती है.

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