‘Tiger Abhi Zinda Hai’: वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में बाघ ने किया गाय के झुंड पर हमला, बाल-बाल बचे चरवाहे
'Tiger Abhi Zinda Hai' ये केवल फिल्म का नाम नहीं है. वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में रहने वाले लोग बोल रहे हैं. हाल ही में, वन विभाग ने यहां कड़ी मशक्त के बाद एक आदमखोर बाघ को मारा था. इस बाघ ने कई लोगों को अपना शिकार बनाया था. ऐसे में लोगों के मन में अभी भी इसका डर बैठा हुआ है.
‘Tiger Abhi Zinda Hai‘ ये केवल फिल्म का नाम नहीं है. वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में रहने वाले लोग बोल रहे हैं. हाल ही में, वन विभाग ने यहां कड़ी मशक्त के बाद एक आदमखोर बाघ को मारा था. इस बाघ ने कई लोगों को अपना शिकार बनाया था. ऐसे में लोगों के मन में अभी भी इसका डर बैठा हुआ है. वहीं शनिवार को फिर से वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के मांगुराहा रेंज के परसौनी गांव के समीप जंगल के किनारे चर रहे गायों पर बाघ ने हमला कर दिया. अचानक हुए बाघ के हमले से सभी आश्चयचकित हो गए. वहीं गायों को लेकर चराने गए चरवाहों ने किसी तरह से भागकर अपनी जान बचायी.
पिछले सप्ताह बकरियों को बनाया था शिकार
घटना को लेकर बताया जाता है कि शनिवार को दो बजे दिन में परसौनी गांव के ग्रामीण गांव से उत्तर दिशा में जंगल के किनारे गाय चरा रहे थे. इसी बीच अचानक बाघ ने जंगल से निकलकर गाय के झुंड पर हमला बोल दिया. वही चरवाहों के शोर मचाने पर आसपास मवेशियों को चरा रहे चरवाहों ने भी हल्ला बोला. वही शोर सुन बाघ फिर जंगल में वापस चला गया. जिससे गाय और चरवाहे, बाल-बाल बचे.
विदित हो कि आज से दो सप्ताह पूर्व इसी जगह पर चर रहे बकरियों पर बाघ ने हमला बोला था और चार बकरियों को अपना निवाला बनाया था. उसी समय से आसपास के ग्रामीण काफी सहमे हुए हैं. ऐसे तो जंगल के रिहायशी इलाकों में रहने वाले ग्रामीण की हमेशा से जंगली जानवरों के हमले से जान-माल की क्षति होती ही रहती है. सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद होते रहते हैं. लेकिन जंगल के किनारे बसने के कारण यह ग्रामीण आए दिन तरह तरह की घटनाओं को झेलते रहते हैं. ग्रामीण रामप्रवेश दहहित, रामेश्वर महतो, जितेंद्र गुरो, विकी कुमार आदि ने घटना की पुष्टि की है. इस संबंध में पूछे जाने पर वन क्षेत्र पदाधिकारी सुनील कुमार पाठक ने बताया है कि घटना की जानकारी मिलते ही टाइगर टेकरों को वहां भेज दिया गया है.