वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन एल्युमिनियम (Vande Bharat Express Train) से बनेगी. केंद्र सरकार 100 और ट्रेन बनाने का फैसला किया है. इसको बनाने की जिम्मेवारी किसे दी गई है यह तो अभी स्पष्ट नहीं हुआ है. लेकिन इसको बनाने के लिए हैदराबाद की मेधा सर्वो ड्राइव प्राइवेट लिमिटेड (Medha Servo Drives) और स्विट्जरलैंड की स्टेडलर के साथ पार्टनरशिप में रेलवे सेक्टर की दिग्गज फ्रांसीसी कंपनी एल्स्टॉम (Alstom) बोली लगाई है. सूत्रों का कहना है कि कंपनियों ने 100 वंदे भारत ट्रेनों की मैन्यूफैक्चरिंग और 35 साल तक के मेनटेनेंस के लिए 30,000 करोड़ रुपये के ठेके के लिए बोली लगाई है.कहा जा रहा है कि उन्हें ट्रेन सौंपते समय इन्हें 13,000 करोड़ रुपये दिए जायेंगे और बाकी पैसे 35 साल के बाद दिए जायेंगे.
जो ट्रेन अभी तक बनती थी वो स्ट्रील से बना करती थी. जो कि एल्युमिनियम के मुकाबले भारी हुआ करता था. इसके कारण ही अब वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन एल्युमिनियम से बनेगी. एल्युमिनियम से बनने के कारण यह ट्रेन तुलनात्मक रूप से बिजली भी कमा खएगी. एल्युमिनियम ट्रेनों की मैन्यूफैक्चरिंग को लेकर हिन्दुस्तान में ज्यादा एक्सपर्ट्स नहीं हैं. इसके अतिरिक्त टेक्नोलॉजी और एल्युमिनियम ट्रेन बनाने के लिए जरूरी सामान की कमी की वजह से भारत में एल्युमीनियम से बनी ट्रेनें नहीं हैं. लेकिन, सरकार ने बोली लगाने वाली कंपनी को अगर ट्रेन बनाने का ठेका देती है तो इस बार बहुत कुछ बदल जायेगा.
सूत्रों के अनुसार गुरुवार को जो दाखिल की गई तकनीकी बोली है अब उसका मूल्यांकन किया जाएगा और उसके बाद विजेता के चयन के लिए वित्तीय बोली मांगी जाएगी.बताते चलें कि फिलहाल भारत में 10 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई जा रही हैं.जो ट्रेन अभी चल रही है उसमें सिर्फ बैठने की व्यवस्था है.लेकिन, ट्रेनों के प्रति यात्रियों के उत्साह और मांग को देखते हुए भारतीय रेल इस साल सितंबर तक स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी यात्रियों की सेवा के लिए पटरियों पर उतार देगी.