Varanasi aurangabad six lane: वाराणसी-औरंगाबाद एनएच-2 का निर्माण (varanasi-aurangabad nh2 road project) करीब 12 साल बाद भी भूमि अर्जन की समस्या के कारण अधूरा है. फिलहाल गया, औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर जिलों में अधिकतर समस्या मुआवजे के भुगतान को लेकर है. इसके लिए जिला पदाधिकारियों के माध्यम से समस्या के समाधान का निर्देश दिया गया है. इस सड़क के बनने से बिहार से उत्तर प्रदेश और झारखंड आने-जाने में लोगों को सुविधा होगी.
सूत्रों के अनुसार इस सड़क का निर्माण 2011 में शुरू हुआ था और उसे 2014 में पूरा होने की समयसीमा तय की गयी थी. जमीन के अभाव में इसके शुरुआती ठेकेदारों ने काम नहीं किया जिस कारण उन्हें हटाना पड़ा. बाद में फिर से टेंडर करना पड़ा. अब इस सड़क का निर्माण धीमी गति से हो रहा है.
सड़क का काम इसी साल दिसंबर तक पूरा होने की संभावना है. इस सड़क कुल लंबाई करीब 192.4 किमी है. इसमें से बिहार में करीब 135.4 किमी और उत्तर प्रदेश में करीब 57 किमी लंबाई है. इस सड़क की अनुमानित लागत करीब 2848 करोड़ रुपये है.
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पटना से बेतिया तक करीब 173 किमी लंबाई में पेव्ड सोल्डर के साथ फोरलेन एनएच-139 डब्ल्यू सड़क का निर्माण करीब 5956 करोड़ की अनुमानित लागत से होगा. इस परियोजना के लिए सारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर और पूर्वी चंपारण जिलों में भूमि अर्जन की प्रक्रिया चल रही है. इसका निर्माण 2025 तक पूरा होने की समयसीमा तय की गयी है.
इस परियोजना में गंगा नदी पर जेपी सेतु के समानांतर करीब साढ़े पांच किमी लंबाई में नया फोरलेन केबल रोड ब्रिज का निर्माण करीब 2635 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से होना शामिल है. यह सड़क पुल के अलावा चार अलग-अलग पैकेज में बनायी जा रही है. सड़काें की लंबाई करीब 167 किमी है.