पटना. जातिगत जनगणना को लेकर जगदानंद सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बयानों से भाजपा और जदयू के बीच बढ़ती खाई को पाटने के लिए जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी वशिष्ठ नारायण सिंह सामने आये हैं. वशिष्ठ नारायण सिंह ने राजद के ऑफर को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि जदयू का भाजपा के साथ अटूट संबंध है और राजद के साथ जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता.
दरअसल, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने नीतीश कुमार को जातीय जनगणना के मुद्दे पर समर्थन देने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जातिगत जनगणना के मसले पर भाजपा से अगर संबंध तोड़ते हैं, तो राजद उनकी सरकार को गिरने नहीं देगी.
इसके बाद जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने उन्हें शुक्रिया अदा कर दी. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जातिगत जनगणना के मामले पर राजद के साथ के लिए वे शुक्रिया अदा करते हैं. कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार तो हर हाल में जातिगत जनगणना करा कर रहेंगे, इसके लिए किसी की नाराजगी की परवाह नहीं की जायेगी. कुशवाहा के बयान के बाद भाजपा भी मंथन में जुट गयी है. लिहाजा जदयू अब सफाई देने उतरी है.
वशिष्ठ नारायण सिंह ने मीडिया में जारी बयान में कहा है कि बिहार में भाजपा औऱ जदयू का गठबंधन अटूट है. राजद ने जदयू को जो ऑफर दिया है उसमें कोई आधार नहीं है. जातिगत जनगणना पर नीतीश का स्टैंड क्लीयर है. सीएम ने साफ कर दिया है कि वे इस पर भाजपा से बात कर रहे हैं. ऐसे में भाजपा से गठबंधन टूटने की बात कहां से आ गयी.
वशिष्ठ नारायण सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कहा कि राजद या किसी और के कुछ कहने से बिहार के भाजपा-जदयू गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. दोनों पार्टियां साथ हैं, लेकिन अगर कहीं मतभिन्नता होती है तो आपस में बात होती है. इसका कोई दूसरा अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिये.