Vat Savitri Vrat 2023: सुहागिन महिलाओं द्वारा किए जाने वाले वट सावित्री पर्व को लेकर पटना के प्रमुख इलाके में गुरुवार को जगह- जगह अस्थायी पूजन सामग्री की दुकानों सज गई थी. जहां देर रात तक महिलाएं पूजन सामग्री की खरीदारी करती रहीं. पिछले साल के मुकाबले इस बार पूजन और शृंगार की सामानों में 10 से 15 फीसदी तक का इजाफा हुआ है. सबसे अधिक मांग पंखा और शृंगार की वस्तुओं की रही. वहीं, वट के पत्ते बाजार में कम होने के कारण 10 रुपये में पांच पत्ते बिके.
पटना में दान करने वाला शृंगार का सेट 30 से 100 रुपये, ताड़ का पंखा 15 से 20 रुपये और बांस का रंगीन पंखा 25 से 30 रुपये प्रति पीस बिका. फैंसी पंखा 50 से 100 रुपये प्रति पीस बिका. डलिया 20 से लेकर 30 रुपये व बड़ा डलिया 40 से 50 रुपये प्रति पीस और कच्चा सूत्ता 10 से 100 रुपये प्रति गोला बिका. साथ ही महिलाओं ने फल की भी खरीदारी की. फलों में सबसे अधिक मांग लीची और आम की रही.
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आम मालदह – 80 से 150
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सेब – 150 से 200
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अंगूर – 150 से 200
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खरबूज – 50 से 60
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तरबुज – 20 से 30
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केला – 30 से 60 (प्रति दर्जन)
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अनार – 150 से 200
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माल्टा – 120 से 140
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लीची – 150 से 200
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अमरुद – 80 से 100
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वट सावित्री व्रत के बारे में आचार्य राकेश झा ब्रह्मवैवर्त्तपुराण व स्कंद पुराण के हवाले से बताते हैं कि वट सावित्री का व्रत और इसकी पूजा व परिक्रमा करने से सुहागिनों को अखंड सुहाग, पति की दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य वंश वृद्धि, दांपत्य जीवन में सुख-शांति में आने वाले कष्ट दूर होते हैं. पूजा के बाद भक्तिपूर्वक सत्यवान-सावित्री की कथा का श्रवण और वाचन करना चाहिए. वट सावित्री के व्रत के दिन बरगद पेड़ के नीचे बैठकर पूजन, व्रत कथा सुनने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.