मकर संक्रांति पर बिहार के इस जिले में लगा अनोखा मेला, खास किस्म की सब्जियों को देखने के लिए उमड़ी भीड़
सासाराम में अनोखा सब्जी मेला लगाया गया. इस मेले में आसपास के किसान खास किस्म के सब्जियों को लेकर पहुंचे थे. जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे.
पटना: मकर संक्रांति पर बिहार के सासाराम जिले में अनोखा सब्जी मेला लगाया गया. इस मेले में आसपास के किसान खास किस्म के सब्जियों को लेकर पहुंचे थे. जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. सब्जी मेला का आयोजन शहर के भारतीगंज (कारपुरवा) स्थित आदर्श कुशवाहा सब्जी बाजार के प्रांगण में लगाया गया था. मेले का उद्घाटन पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम एवं नगर निगम की मुख्य पार्षद काजल कुमारी ने दीप प्रज्वलित कर किया.
22 किलो का कोहड़ा और पांच फीट का लौकी रहा आकर्षण का केंद्र
सासाराम में आयोजित इस मेले में किसान एक से बढ़कर एक फल एवं सब्जी उत्पादों को लेकर पहुंचे थे. जिसमें अमरूद, केला, पपीता, नींबू, बेर, आंवला, गुलाब, गेंदा, फूल गोभी, बंद गोभी, आलू, टमाटर, मुली, गाजर, लौकी, कोहड़ा, हल्दी, भतुआ, करेला और मटर आदि शामिल थे. किसानों के द्वारा प्रदर्शनी में लाये गये ये सभी सब्जी सामान्य आकार से काफी बड़े थे. सबसे खास आकर्षण का केंद्र पांच फीट लंबी लौकी और 22 किलोग्राम कोहड़ा रहा. लौकी और कोहड़ा दोनों खास किस्म के थे. जिसे देखकर लोग चकित रह गये.
रोहतास में उगायी जा रही सब्जियां प्रदेशभर में प्रसिद्ध
मौके पर उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम ने काह कि रोहतास में उगायी जा रही सब्जियों की प्रदेश में खूब डिमांड है. यहां के किसान सब्जी, फल-फूल को उपजाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं. जिसका परिणाम साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. सासाराम के किसानों का नाम बिहार ही नहीं बल्कि देशभर में हो रहा है. उन्होंने आगे कहा कि किसान जैविक खेती की ओर कदम बढ़ाये, यह सेहत के लिए लाभकारी तो है ही, इसके अलावे जमीन की उर्वरा शक्ति को भी बढ़ाने में मददगार साबित होती है.
जैविक खेती एकमात्र विकल्प
मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम ने कहा कि अगर किसान भाई अब भी नहीं संभले तो, काफी देर हो जाएगी. उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात को देखते हुए साफ तौर पर यह कहा जा सकता है कि जैविक खेती अब एकमात्र विकल्प है.इसे अपनाकर कृषि का विकास और किसानों को समृद्ध बनाने के लिए सरकार भी संकल्पित है. जैविक खेती को अपनाने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान का लाभ भी दिया जा रहा है.
गलत नीतियों के चलते किसानों को नहीं मिल रहा उचित मूल्य
किसान प्रदर्शनी में मंत्री ने कहा कि वर्तमान में उर्वरक की कमी से जिले के किसान काफी परेशान है. लेकिन केन्द्र सरकार मांग के अनुरूप खाद नहीं दे रही. यहीं नहीं केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण किसानों को उनके फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है. आज किसानों को कीटनाशक, खाद, बीज सहित अन्य उपयोगी वस्तु काफी महंगे दामों पर उपलब्ध हो रही है जिसके कारण उन पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है.