पटना. राज्य सरकार ने बालू का अवैध खनन करने वाले लोगों पर कानून का शिकंजा कसने को लेकर कई कड़े प्रावधानों की मंजूरी दी है. इसके तहत अवैध बालू खनन में शामिल वाहनों को जब्त किया जायेगा. साथ ही अवैध बालू खनन करनेवाले माफियाओं से बालू की रॉयल्टी की 25 गुनी राशि जुर्माने के रूप में वसूली जायेगी. इसके अलावा अवैध बालू खनन के दोषियों को दो साल की सजा भी होगी.
बालू के अवैध खनन पर रोक लगाने और बालू माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को लेकर कैबिनेट ने शुक्रवार को बिहार खनिज (समानुदान, अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण निवारण) नियमावली 2019 में संशोधन की स्वीकृति दे दी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में 10 एजेंडों पर मुहर लगायी गयी.
बिहार सरकार ने पर्यावरण के हितों को ध्यान में रखकर बिहार खनिज नियमावली को मंजूरी दी गयी है. इस नियमावली में अवैध खनन में पकड़े जानेवाले व्यक्तियों को दो साल की सजा होगी. सरकार द्वारा जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जल संरक्षण, नदियों की अविरलता और राज्य में हरित आवरण को बढ़ाने के लिए अवैध बालू खनन में लिप्त माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए नियमावली में संशोधन किया है. नियमावली में संशोधन होने से बालू का अवैध खनन, राज्य को बाढ़ की विभीषिका से बचाने में मदद मिलेगी.
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1. निम्नवर्गीय लिपिक के पद पर अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए उपलब्ध पदों के प्रतिशत की बाध्यता खत्म
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2. कालाजार उन्मूलन के लिए कीटनाशक का छिड़काव करने के लिए हैंड कंप्रेशन पंप की खरीद के लिए दो करोड़ रुपये मंजूर
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3. मुजफ्फरपुर के बेला में 1200 टीपीडी क्षमता का पॉल्ट्री फीड इकाई की स्थापना के लिए 94.70 करोड़ के निजी निवेश व वित्तीय प्रोत्साहन क्लीयरेंस की मंजूरी. यह इकाई एबीआइएस एक्सपोर्ट (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड लगा रही है.
बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र 26 जुलाई से शुरू होगा. 30 जुलाई तक चलने वाले पांच दिनों के संक्षिप्त सत्र में कई विधायी कार्य होंगे. राज्य कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगी. दोनों सदनों में शोक प्रकाश लिये जायेंगे. 27,28,29 और 30 को विधायी कार्य किये जायेंगे. कोरोना के कारण सत्र को छोटा किया जा रहा है. सत्र के दौरान प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी पेश की जायेगी.
कैबिनेट ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत गंगाजल उद्वह योजना के प्रथम चरण की राशि में 1338.81 करोड़ की वृद्धि को मंजूरी दी गयी है. पहले इसके लिए 2836 करोड़ रुपये मंजूर थे. अब 4174.81 करोड़ की स्वीकृति दी गयी. इस राशि से गया, बोधगया और राजगीर में गंगा का पानी पाइप के जरिये पहुंचाया जायेगा.
इसका काम जल संसाधन विभाग द्वारा कराया जा रहा है. इस योजना के तहत रिजर्ववायर निर्माण के लिए वन विभाग की अधिगृहीत भूमि के बराबर गैर वन भूमि के अंश भाग नालंदा जिले के गिरियक अंचल में 16 एकड़ गैरमजरुआ जमीन वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को मुफ्त हस्तांतरण की मंजूरी दी गयी.
Posted by Ashish Jha