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बिहार में यातायात नियमों की उड़ रही धज्जियां, सड़कों पर बिना बीमा के दौड़ रहे 57 फीसदी वाहन

बिहार में जीवन और स्वास्थ्य बीमा की भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. प्रति हजार व्यक्ति पर बिहार में जहां 165 लोगों ने जीवन बीमा लिया है, वहीं, राष्ट्रीय आंकड़ा 262 लोगों का है. सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को छोड़ दिया जाए तो महज 85 लाख लोग ही स्वास्थ्य बीमा से कवर हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2022 3:56 AM

कैलाशपति मिश्र, पटना: बिहार में सड़क हादसों की संख्या कम नहीं हो रही है. आये दिन दुर्घटना के कारण मौत की खबरें आती रहती है, लेकिन मृतकों के परिजनों को कोई मुआवजा नहीं मिलता है. इसका कारण है राज्य में अधिकतर गाड़ियां बिना बीमा के सड़कों पर दौड़ रही है. भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में 57% गाड़ियां बिना बिना की है. हालांकि गाड़ियों कर बीमा का राष्ट्रीय औसत भी 50% ही है. बिना थर्ड पार्टी बीमा के सड़क पर गाड़ी चलाना कानूनी तौर पर जुर्म है. पकड़ जाने पर गाड़ी मालिकों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान भी है.

बिहार में प्रति हजार व्यक्ति पर 165 का बीमा

राज्य में जीवन और स्वास्थ्य बीमा की भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. प्रति हजार व्यक्ति पर बिहार में जहां 165 लोगों ने जीवन बीमा लिया है, वहीं, राष्ट्रीय आंकड़ा 262 लोगों का है. सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को छोड़ दिया जाए तो महज 85 लाख लोग ही स्वास्थ्य बीमा से कवर हैं. इरडा ने इस संबंध में राज्य सरकार को पत्र लिखा है. मुख्य सचिव को लिखे अपने पत्र में इरडा ने कहा है कि राज्य सरकार को बीमा पेनिट्रेशन बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए. इसके लिए राज्य को स्टेट इंश्योरेंस प्लान भी भेजा है.

क्या होता है थर्ड पार्टी इश्योरेंस

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के अंतर्गत दुर्घटना के दौरान वाहन से तीसरे पक्ष को होने वाले नुकसान की आर्थिक भरपाई की जाती है. मोटर व्हीकल एक्ट के तहत, यह इंश्योरेंस अनिवार्य है. वहीं, कॉम्प्रिहेन्सिव प्लान में थर्ड पार्टी सुरक्षा समेत अन्य सभी नुकसान की लायबिलिटी इंश्योरेंस कंपनी की होती है. ऐसे में एक्सीडेंट के दौरान आपके वाहन से किसी तीसरे व्यक्ति को चोट पहुंचती या उसकी मौत हो जाती है या फिर उसके वाहन व संपत्ति का नुकसान होता है, तो उसको हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई के जिम्मेदार आप होंगे. ऐसे हालात में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की उपयोगिता बढ़ जाती है, क्योंकि यह इस संभावित नुकसान की क्षतिपूर्ति करता है.

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क्या कहते हैं इरडा के आंकड़े

  • बीमा पैरामीटर : बिहार की स्थिति : राष्ट्रीय

  • प्रति हजार पर जीवन बीमा : 165 : 262

  • कुल बीमा प्रीमियम करोड़ में : 21097 : 827446

  • स्वास्थ्य बीमा : 85 लाख : 5147 लाख

  • बिना बीमा वाले वाहन : 57% : 50%

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