पटना. राजधानी में गंगा नदी के किनारे दीघा से दीदारगंज तक गंगा पथ परियोजना का काम दिसंबर, 2022 तक पूरा हो जायेगा.
दीघा से गांधी घाट तक निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और अगले आठ महीने बाद अगस्त, 2021 तक दीघा से एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के बीच वाहनों का आवागमन शुरू हो जायेगा.
ये बातें बुधवार को पथ निर्माण मंत्री मंगल पांडेय ने इसके निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से कहीं. उन्होंने बताया कि मरीन ड्राइव के तर्ज पर पटना में गंगा नदी के किनारे दीघा से दीदारगंज तक सड़क बनाने की कल्पना करीब 25 वर्ष पहले की गयी थी.
हालांकि, इसका शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2013 में किया. दीघा से दीदारगंज तक 20.50 किमी लंबी गंगा पाथवे की लागत 3390 करोड़ रुपये अनुमानित है.
इसमें एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के पास से गायघाट, कंगनघाट होते हुए पटना घाट और धर्मशाला घाट से पुराने नेशनल हाइवे दीदारगंज तक कुल 11.70 किमी एलिवेटेड रोड और कुल 8.80 किमी सड़क बांध पर है.
गंगा पाथ-वे के बन जाने से राजधानी में एक छोर से दूसरे छोर पूरब से पश्चिम के बीच अशोक राजपथ पर वाहनों के बढ़ते दवाब को कम किया जा सकेगा. इसके लिए आठ स्थानों पर संपर्क पथों की व्यवस्था है.
अशोक राजपथ से कनेक्टिविटी के लिए एलसीटी घाट, एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट, पीएमसीएच, कृष्णा घाट, गायघाट, कंगन घाट, पटना घाट और दीदारगंज में पुराने एनएच-30 से कनेक्टिविटी दी गयी है.
सड़क की शुरुआत में 5.90 किमी में सड़क की पटरी के अलावा दोनों छोरों पर पांच मीटर की हरित पट्टी और गंगा नदी की ओर तट पर पांच मीटर के वाॅकिंग ट्रैक बनाया जायेगा. पीएमसीएच में मरीजों के आवागमन के लिए विशेष रूप से फोरलेन की सड़क कनेक्टिविटी दी जा रही है.
एम्स-दीघा सड़क, जेपी सेतु और आर ब्लाॅक-दीघा पथ से कनेक्विटी के लिए दीघा छोर पर विश्वस्तरीय रोटरी का निर्माण किया जा रहा है. इससे तीनों मार्गों से आने वाले वाहन सुगमतापूर्वक गंगा पथ पर जा सकेंगे.
इसके बनने पर उत्तर व दक्षिण बिहार जाने वाले वाहनों को सुविधा मिलेगी. पूरब में दीदारगंज से पश्चिम में दीघा तक अशोक राजपथ यातायात के दबाव से मुक्त होगा. पटना सिटी से दानापुर तक आने-जाने वाले लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी.
आम नागरिकों के धार्मिक एवं सामाजिक कार्य के लिए गंगा नदी के तट पर पहुंचने के लिए कुल 13 स्थानों पर अंडरपास बनाये गये हैं.
Posted by Ashish Jha