जदयू नेता तारकेश्वर सिंह हत्याकांड में 15 साल बाद आया फैसला, माकपा विधायक सत्येंद्र यादव समेत पांच आरोपी बरी
एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एडीजे तृतीय नलिन कुमार पांडेय के कोर्ट में मंगलवार को आरोपित मांझी के माकपा विधायक सत्येंद्र यादव के अलावा दिनेश पंडित, सुनील साह, रघुबीर साह, सुदामा साह और राजेश राम को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है.
सारण जिला के कोपा थाना क्षेत्र के पतीला गांव में 15 साल और 9 महीने पहले जदयू के एक स्थानीय नेता तारकेश्वर सिंह की हत्या कर शव को जमीन के अंदर दबा दिया गया था. अब इस मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है. मामले में आरोपित मांझी के विधायक समेत अन्य पांच आरोपितों को न्यायालय ने बरी कर दिया है.
माकपा विधायक सत्येंद्र यादव समेत पांच आरोपित बरी
सांसद-विधायक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एडीजे तृतीय नलिन कुमार पांडेय के कोर्ट में मंगलवार को आरोपित मांझी के माकपा विधायक सत्येंद्र यादव के अलावा दिनेश पंडित, सुनील साह, रघुबीर साह, सुदामा साह और राजेश राम को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है.
बहस हो चुकी थी पूरी, आज सुनाया फैसला
सरकार के अधिवक्ता अपर लोक अभियोजक ध्रुव देव सिंह ने बताया कि बचाव पक्ष और सरकार की ओर से पहले ही बहस पूरी की जा चुकी थी. न्यायाधीश ने इस मामले में अपना निर्णय सुनाने के लिए 28 मार्च की तिथि निर्धारित की थी.
हत्या के बाद जमीन में छिपा दिया था शव
बता दें कि वर्ष 2007 के 27 जून को कोपा थाना क्षेत्र के पतीला निवासी तारकेश्वर सिंह की हत्या कर शव को जमीन के अंदर छिपा दिया गया था. वह अपने ग्रामीण भरत साह की पुत्री की शादी में शामिल होने गये थे परंतु वो पांच दिन तक वापस नहीं लौटे. जिसके बाद पुलिस ने पांच दिन बाद दो जुलाई को कंकाल के रूप में शव को जमीन के अंदर से निकाला था.
मृतक के पिता ने दर्ज कराई थी प्राथमिकी
इस मामले में मृतक के पिता गणेश सिंह ने 2 जुलाई को एक प्राथमिकी दर्ज कराई गयी थी. जिसमें माकपा नेता सत्येंद्र यादव के अलावा सुदामा साह, दिनेश पडित, सुनील साह, रघुबीर पंडित और राजेश राम को अभियुक्त बनाया गया था.