अलीगढ़: चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति बनने के बाद डॉक्टर फैजान मुस्तफा गुरुवार को अलीगढ़ पहुंचे. यहां उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की लॉ फैकल्टी देश की लीगल एजुकेशन में बहुत ही पॉजिटिव कंट्रीब्यूशन करती है. उन्होंने कहा कि मेरे गुरु ने मुझे AMU में लॉ पढ़ाया, उन्होंने जो मेहनत की है उसके नतीजे सामने आ रहे हैं. डॉक्टर फैजान मुस्तफा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में विधि विभाग के डीन होने के साथ ही एएमयू के रजिस्ट्रार भी रहे हैं. कॉमनवेल्थ छात्रवृत्ति मिलने के साथ सार्क से वर्ष 2014 में सर्वश्रेष्ठ विधि शिक्षक पुरस्कार मिल चुका है. 32 देशों में लेक्चर दिया है. इसके साथ ही उड़ीसा और हैदराबाद में लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति का दायित्व भी निभा चुके हैं. डॉ फैजान मुस्तफा एएमयू कुलपति बनने की दौड़ में भी शामिल थे लेकिन पटना लॉ यूनिवर्सिटी का कुलपति बनने के बाद उनके नाम पर विराम लग गया है.
डॉक्टर फैजान मुस्तफा ने बताया कि चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में कुछ चुनौतियां है. जिन्हें मैं अभी पूरी तरीके से समझ नहीं पाया हूं. नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में बदलाव जल्द संभव है. क्योंकि यह अन्य यूनिवर्सिटी से छोटी है. उन्होंने कहा कि एएमयू की लॉ फैकेल्टी देश के सर्वश्रेष्ठ विधि संकाय में से एक है. इससे पहले भी एएमयू की लॉ फैकल्टी के पूर्व छात्र और शिक्षकों को भारत के राष्ट्रीय विधि संकाय के कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया है. वही, डॉक्टर फैजान मुस्तफा को पटना नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का कुलपति बनाए जाने से एएमयू में खुशी है.
देश के पहली नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर माधव मेनन रहे हैं. उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पीएचडी की और यहां पढ़ाया भी था. वहीं लॉ फैकेल्टी के प्रोफेसर अली नवाज जैदी ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा है कि चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति के रूप में फैजान मुस्तफा की नियुक्ति पर एएमयू में खुशी का माहौल है. शिक्षकों और छात्रों को इस तरह की उपलब्धि पर गर्व है. डॉक्टर फैजान मुस्तफा ने अपनी एजुकेशन एएमयू से ही पूरी की है. वही, डॉक्टर फैजान मुस्तफा अपना एक यूट्यूब चैनल लीगल अवेयरनेस वेब सीरीज भी चलाते हैं.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में कानून संकाय के प्रोफेसर फैजान मुस्तफा को बीते 18 जुलाई को पटना में चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (सीएनएलयू) पटना का कुलपति नियुक्त किया गया. यह नियुक्ति भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली खोज समिति (सर्च कमेटी) की सिफारिश पर की गई थी. नेशनल एकेडमी ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च (एनएएलएसएआर) में कुलपति के रूप में एक दशक बिताने के बाद प्रोफेसर मुस्तफा पिछले साल एएमयू लौट आए थे. वह पहले नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ओडिशा के संस्थापक कुलपति थे.