पटना. भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे मिथिला विवि के कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने शुक्रवार को एमएम हक अरबी-फारसी विवि के कुलपति प्रो. कुद्दुस के खिलाफ मानहानि का दावा किया है. प्रो सिंह के वकील ने प्रो. कुद्दुस को 5.10 करोड़ के मानहानि का नोटिस भेजा है.
मौलाना मजहरुल हक़ अरबी फारसी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो मो कुद्दुस ने प्रो सुरेन्द्र प्रताप पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पत्र लिखा था. जिसपर मुख्यमंत्री सचिवालय ने राजभवन से कार्रवाई की अनुशंसा की थी.
अपने पत्र में कुलपति प्रो मो कुद्दुस ने प्रो सुरेन्द्र प्रताप पर आरोप लगाया था कि मौलाना मजहरुल हक़ अरबी फारसी यूनिवर्सिटी के प्रभारी कुलपति रहने के दौरान प्रो सिंह पर गलत ढंग से टेंडर देने और टेंडर में बंदरबांट किया है.
प्रोफेसर कुद्दुस ने अपने लेटर में कहा है कि उन्हें 19 अगस्त 2021 को यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर के तौर पर जॉइन करना था. वो उस दिन जॉइन करने पहुंचे थे, लेकिन रजिस्ट्रार डॉक्टर मो हबीबुर रहमान ने अज्ञात कारणों से उन्हें जॉइन करने में 23 अगस्त तक की देरी करायी.
इस बीच ही सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कई फैसले किए, जिसमें लाखों रुपए की अनियमितता हुई. दोगुने दामों में लखनऊ की एजेंसी को आंसर शीट छापने के टेंडर दिए गए. पटना की एक एजेंसी के जरिए आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति में भी आर्थिक अनियमितता की गई है. इसके अलावा अन्य मदों में भी पर्दे के पीछे से लूट का खुला खेल चल रहा है.
यही नहीं, इस खेल में उनके साथ अतुल श्रीवास्तव नाम का एक व्यक्ति भी शामिल है. उसके दो मोबाइल नंबरों का हवाला देते हुए पत्र में कहा कि उन पर संबंधित व्यक्ति द्वारा राजभवन के नाम भुगतान के लिए खासा दबाव बनाया जा रहा है.
कुद्दुस के पत्र के मीडिया में आने के बाद राज्यपाल फागू चौहान को अचानक से दिल्ली तलब किया गया है. कहा जा रहा है कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय और मगध विश्वविद्यालय के कुलपति पर भ्रष्टाचार के लगे आरोप को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय गंभीर है. प्रो एसपी सिंह ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए प्रो. कुद्दुस को 5.10 करोड़ रुपये के मानहानि का नोटिस भेजा है.
Posted by Ashish Jha