Bihar : सीवान व गोपालगंज में हाल में हुए ताबड़तोड़ घटनाओं की तार चनावे स्थित गोपालगंज जेल से जुड़ने की बात सामने आयी है. पुलिस की क्राइम कंट्रोल की केमेस्ट्री को जेल में बैठे शातिर बिगाड़ रहे हैं. पुलिस वारदात के बाद अपराधियाें की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. घटनाओं को रोकने लिए एसटीएफ, सीआइडी, पुलिस की एसआइटी, यूपी के एसओजी टीम बिहार, यूपी, दिल्ली में छापेमारी कर अपराधियों के ठिकानों को खंगालने में जुट जाती है. अपराधियों का कोई इनपुट नहीं मिल पाता. अपराधियों के मोबाइल बंद होते ही पुलिस ट्रेस कर पाने में खुद को लाचार पा रही. पुलिस जांच में जो बातें सामने आ रही हैं, वह चौंकाने वाली हैं. अपराधी जेल में बैठकर व्हाट्सएप के जरिये अपने नेटवर्क को संभाल रहे हैं. जेल से घटनाओं की तार जुड़ने से पुलिस का क्राइम कंट्रोल का गणित नहीं बैठ पा रहा है.
केस एक-
18 अक्तूबर को गोपालगंज जेल में बंद कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विशाल सिंह पर सिविल कोर्ट के कैंपस में गोली मारने की घटना हुई. जबकि विशाल सिंह से मिलने आये मांझा थाने के छवहीं के रहने वाले गुलाब हसन को गोली लगी थी. इस मामले में मौके से गिरफ्तार गोली मारने वाले अपराधी सीवान जिले के नौतन थाना क्षेत्र के ताल विशुनपुरा गांव के सुरेश सिंह पर भी पुलिस की कस्टडी में अपराधियों ने गोली मार दी. इस कांड में नगर थाने में जेल में बंद मनु तिवारी व शंभु सिंह के खिलाफ कांड दर्ज कराया गया है.
केस दो-
सीवान जिले के नौतन में स्वर्ण व्यवसायी से 20 लाख रुपये लूट लिये गये थे. पुलिस ने इस कांड में नौतन के बरइपट्टी गांव के जयराम के 22 वर्षीय पुत्र मिथुन कुमार को गिरफ्तार किया गया. उसके बताये के अनुसार हथुआ थाना क्षेत्र के चैनपुर गांव के रामगुजन राम के पुत्र अनिल राम को गिरफ्तार किया गया. दोनों ने जो खुलासे किये, उससे स्पष्ट हुआ कि गोपालगंज जेल में लूट की साजिश रची गयी थी. इस मामले में सीवान पुलिस के सामने अपराधियों ने स्वीकार किया कि शराब तस्करी मामले में मिथुन जब गोपालगंज जेल में बंद था तब यूपी के देवरिया के श्रीरामपुर थाना के गोबरही गांव के पंकज यादव से मिला. वहीं लूट की प्लानिंग बनी. जेल से निकलने के बाद उचकागांव थाना के भगवान टोला गांव के मनीष यादव समेत पांच अपराधियों ने मिलकर कांड को अंजाम दिया.
केस तीन-
जेल से जमानत पर बाहर निकले पंडित टोला हरपुर निवासी अभिषेक ठाकुर ने जमीन विवाद में खाद दुकानदार पवन सिंह को गोली मार दी. घटना के बाद पवन सिंह और उसके सहयोगियों ने अभिषेक ठाकुर को पकड़ लिया और हाथ-पैर बांधकर उसकी पिटाई कर दी, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गयी. अभिषेक की हत्या के बाद आरोपितों ने पुलिस से बचने के लिए ग्रामीणों द्वारा मॉब लिंचिंग किये जाने की अफवाह उड़ा दी, लेकिन पुलिस ने जांच के बाद मामले का खुलासा कर दिया है.
जेल में बंद अपराधियों पर रखी जा रही नजर : एसपी
पुलिस कप्तान अवधेश दीक्षित ने बताया कि जेल में बंद अपराधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. कुछ अपराधियों के इनपुट मिले है. इस पर कार्रवाई भी जल्द होगी.
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