मोकामा में RJD की जीत तय, प्रदेश कार्यालय में नहीं है कोई गहमागहमी, अभी तक नहीं पहुंचे पार्टी पदाधिकारी

बिहार उपचुनाव के मतगणना में अब दोनों सीटों की तस्वीरें साफ होने लगी हैं. मोकामा सीट से नीलम देवी की जीत तय हो गई है. वहीं, अभी तक राजद के प्रदेश कार्यालय में कोई गहमागहमी नहीं है. अभी तक कोई पार्टी पदाधिकारी नहीं पहुंचे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 6, 2022 11:54 AM

पटना. मोकामा और गोपालगंज विधानसभा सीटों पर हुए मतदान की मतगणना रविवार सुबह आठ बजे से जारी है. वोटों की गिनती की कई राउंड भी हो चुके हैं. मोकामा सीट पर तस्वीर भी साफ अब होने लगी है. राजद की यहां से जीत तय मानी जा रही. वहीं, राजद के प्रदेश कार्यालय में कोई गहमागहमी नहीं है, अभी तक कोई भी पार्टी पदाधिकारी कार्यालय नहीं पहुंचे हैं.

राजद के प्रदेश कार्यालय में अभी भी कोई गहमागहमी नहीं

बिहार उपचुनाव के मतगणना में अब दोनों सीटों पर तस्वीरें साफ होने लगी हैं. गोपालगंज सीट से कुसुम देवी आगे हैं. लेकिन अभी भी यहां कांटे की टक्कर है. वहीं, मोकामा से राजद प्रत्याशी नीलम देवी भारी मतों से आगे चल रही हैं. उनकी जीत तय मानी जा रही हैं. इस उपचुनाव में अभी तक राजद को एक सीट मिलना तय है. लेकिन अभी तक प्रदेश पार्टी कार्यालय में कोई गहमागहमी नहीं है. वहां पार्टी के तरफ से अभी तक कोई भी बड़े पदाधिकारी नहीं पहुंचे हैं. जश्न मानने के लिए अभी तक कोई भीड़ नहीं दिख रही है.

अनंत सिंह सबसे बड़े हैं फैक्टर

मोकामा के चुनाव की खास बात यह रही कि एक बार फिर यहां अनंत सिंह सबसे बड़े फैक्टर के तौर पर उभरे हैं. यहां के लोग अनंत सिंह को काफी पसंद करते हैं. अनंत सिंह इस सीट से पांच बार जीत दर्ज कर चुके हैं. अनंत सिंह का हमेशा इस सीट पर दबादबा रही है. ये जलवा इस चुनाव में भी देखने को मिल रहा है. पूरे काउंटिंग से पहले ही नीलम देवी की जीत तय हो गई थी.

सुबह आठ बजे से चल रही मतगणना

वहीं, मोकामा और गोपालगंज विधानसभा सीटों पर हुए मतदान की मतगणना रविवार सुबह आठ बजे शुरू हो गई है. मतगणना पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के साथ चल रही है. मोकामा सीट के लिए पड़े मतों की गिनती राजधानी के आर्यभट्ट ज्ञान विवि परिसर में हो रही है. वहीं, बता दें कि मोकामा विधानसभा सीट पर सीधा मुकाबला राजद उम्मीदवार नीलम देवी और बीजेपी प्रत्याशी सोनम देवी के बीच है. मोकामा के चुनाव की खास बात यह रही कि एक बार फिर यहां अनंत सिंह सबसे बड़े फैक्टर के तौर पर उभरे हैं.

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