दरभंगा के श्यामा माई मंदिर में शुक्रवार की देर रात दोनों हाथ से दिव्यांग प्रेमी ने प्रेमिका को पैर से वरमाला पहनाई. पैर से ही उसकी मांग में सिंदूर भरा. वरमाला व मांग में सिंदूर भरने की रस्म पंडित ने कुछ मिनट में ही पूरी करा दी. बताया जाता है कि घनश्यामपुर के देउरी गांव निवासी प्रदीप मंडल और सुपौल जिले के दानापुर निवासी रीता कुमारी के बीच आठ वर्षों से प्रेम संबंध चल रहा था. प्रदीप दोनों हाथों से विकलांग है. रीता पूरी तरीके से ठीक है. दोनों के परिवार के लोग इस शादी के लिए तैयार नहीं थे. इस स्थिति में दोनों ने भाग कर श्यामा माई मंदिर में शादी कर ली. देर रात मंदिर में मौजूद इक्के-दुक्के लोगों ने दूल्हा को जब हाथों की जगह पांव से वरमाला पहनाते तथा सिंदूर लगाते देखा, तो आश्चर्य में पड़ गये.
प्रदीप मंडल ने बताया कि दुल्हन उसके बड़े भाई की साली है. कहा कि वे दोनों पिछले आठ वर्षों से प्यार में थे. प्रेम को शादी का रूप देने में न उसके परिवार वाले तैयार थे और न ही रीता के. इस कारण दोनों अपने घरों से भाग निकले. दोनों श्यामा माई मंदिर पहुंचे. शादी रचा ली. बताया कि घर वाले नहीं मानेंगे तो दरभंगा शहर में ही रहकर जीवन यापन करेंगे. प्रदीप दोनों हाथों से दिव्यांग होने के बावजूद ग्रेजुएशन तक की शिक्षा ले रखी है. वह पैरों से कंप्यूटर चलाना जानता है.
जानकारी के अनुसार प्रदीप तीन भाई- बहनों में सबसे छोटा है. 2008 में उसके गांव में बिजली की सुविधा मिली थी. वह घर के बाहर खेल रहा था. बिजली के करेंट प्रवाहित टूटे तार के संपर्क में आने से उसके दोनों हाथ झुलस गये. काफी इलाज कराया गया, लेकिन अंततः दोनों हाथ काटना पड़ा.
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