मुजफ्फरपुर. बिहार से लगी भारत-नेपाल की खुली सीमा पर अब चौकसी सख्त होने जा रही है. इसके लिए तकनीकी संसाधनों का उपयोग किया जायेगा. आनेवाले दिनों में जहां सभी रास्तों पर सीसीटीवी लगाये जायेंगे, वहीं सीमा की 24 घंटे निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग किया जायेगा.
गृह मंत्री अमित शाह ने बीते दिन पूर्णिया में एसएसबी सहित अन्य अर्द्धसैनिक बलों के उच्चाधिकारियों के साथ इंडो-नेपाल सहित अन्य बॉडरों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने एसएसबी के कार्यों को सराहा और सुरक्षा को और दुरुस्त करने की सलाह दी.
गृहमंत्री ने कहा कि भारत-नेपाल के बॉर्डर खुले हैं, यहां सुरक्षा निगरानी अधिक कड़ी होती है. खुले बॉर्डर पर मैनपावर के अलावा टेक्नोलॉजी को भी बॉर्डर की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. भारत-नेपाल के खुले बॉर्डर की सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से सुरक्षा की जानी चाहिए. इसके के लिए एसएसबी से प्रस्ताव भी मांगा. इसकी जानकारी समीक्षा बैठक रिपोर्ट में भी दी गयी है. बैठक में कहा गया है कि सुरक्षा बलों को एक-दूसरे की गुड प्रैक्टिसेज को अपनाकर टेक्नोलॉजी को अपनाना चाहिए. क्योंकि टेक्नोलॉजी सीमाओं को सुरक्षित रखने का एक बहुत बड़ा माध्यम बन सकता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि खुली सीमाओं की रक्षा और चौकसी अधिक सतर्कता से करने की जरूरत होती है. एसएसबी यह काम बहुत अच्छे तरीके से कर रहा है. किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को रोकने में कामयाबी पायी है. एसएसबी का गांवों से संपर्क, सूचनाओं का नेटवर्क और ग्रामीणों के साथ सेवा के माध्यम से सीमाओं को सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण सिद्ध होता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार और झारखंड में वामपंथी उग्रवाद चरम सीमा पर था. इसमें एसएसबी के जवानों ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में बहुत बड़ा योगदान दिया है. जवानों ने देश के पूर्वी क्षेत्र में फैले नक्सलवाद के खिलाफ अनेक बलिदान देकर एक कठिन लड़ाई लड़ी और इसी के परिणामस्वरूप वर्तमान में बिहार और झारखंड से नक्सलवाद लगभग समाप्त होने की ओर है.