संपत्ति देख हैरान रह गयी विजिलेंस की टीम, हाजीपुर नप के पूर्व इओ के घर मिली करोड़ों की दौलत
नगर विकास सेवा के अधिकारी और भभुआ व हाजीपुर नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी रहे अनुभूति श्रीवास्तव के आवास पर जब बुधवार को स्पेशल विजिलेंस यूनिट की टीम ने छापेमारी की तो हैरान रह गयी.
पटना. नगर विकास सेवा के अधिकारी और भभुआ व हाजीपुर नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी रहे अनुभूति श्रीवास्तव के अावास पर जब बुधवार को स्पेशल विजिलेंस यूनिट की टीम ने छापेमारी की तो हैरान रह गयी. छापेमारी के दौरान एक करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति की जानकारी मिली. एसवीयू को उनके फ्लैट से नकद भी मिला है.
पटना के रूकनपुरा स्थित फ्लैट पर सुबह आठ बजे एसवीयू के 10 अधिकारी पहुंचे और अनुभूति श्रीवास्तव की घोषित व अघोषित संपत्ति की तहकीकात शुरू की. एसवीयू की टीम ने पूरे मामले की जांच की और उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर लिया.
फिलहाल निलंबित चल रहे अनुभूति श्रीवास्तव पर भभुआ नगर पर्षद में कार्यपालक पदाधिकारी के तौर पर 22 करोड़ से अधिक के घोटाले का आरोप है. श्रीवास्तव पर आरोप है कि सरकारी सेवा में रहते हुए उन्होंने नाजायज ढंग से अकूत संपत्ति बनायी है. यह उनके द्वारा प्राप्त वेतन और अन्य ज्ञात स्रोतों की तुलना में बहुत ही अधिक है.
इसी आरोप पर उनके खिलाफ कुल एक करोड़ एक लाख 75 हजार से अधिक की गैरकानूनी और नजायज ढंग से अर्जित संपत्ति जमा करने के आरोप में एसवीयू कांड संख्या-001/2021 दर्ज किया गया है.
सालाना भरते हैं 15 लाख रुपये का प्रीमियम
छापेमारी के दौरान यह भी पता चला कि अनुभूति श्रीवास्तव ने पत्नी और बच्चों के नाम से बीमा व म्यूचुअल फंड में निवेश किया है. वह सालाना 15 लाख रुपये से अधिक प्रीमियम की राशि जमा करते हैं. यह निवेश पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है. तलाशी के दौरान पटना में एक अन्य फ्लैट और इंदौर में भी एक फ्लैट खरीदे जाने के भी कागजात (एग्रीमेंट पेपर) मिले हैं. उनके पास एक अर्टिगा और एक इनोवा गाड़ी भी है.
विमान यात्रा और माॅरीशस भ्रमण के भी मिले प्रमाण
अनुभूति श्रीवास्तव ने बैंक में फिक्स डिपोजिट, जीवन बीमा और रियल इस्टेट सहित अन्य में काफी निवेश किया है. टीम को इसके प्रमाण भी मिले हैं. इसमें कई संपत्ति ऐसी है, जिसका उन्होंने वार्षिक संपत्ति विवरणी में उल्लेख नहीं किया है. श्रीवास्तव ने कई बार विमान से यात्रा की. वह मॉरीशस घूमने भी गये. एसवीयू को बैंक में दो लॉकर रखने के भी प्रमाण मिले हैं. जांच के बाद और भी संपत्ति का खुलासा हो सकता है.
जब भभुआ में थे, तभी आया था घोटाले में नाम
भभुआ नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी रहते समय अनुभूति श्रीवास्तव का नाम घोटाले में नाम आया था. इसके बाद कैमूर के तत्कालीन डीएम ने मामले की जांच करवायी थी और उनके खिलाफ नगर विकास विभाग को रिपोर्ट भी भेजी थी. अरसे तक यह मामला नगर विकास विभाग में दबा रहा. इस बीच उनका तबादला हाजीपुर नगर पर्षद में हो गया.
सीएम के जनता दरबार में हुई थी शिकायत
16 अगस्त को मुख्यमंत्री के जनता दरबार में भभुआ नगर पर्षद के पूर्व पूर्व अध्यक्ष बजरंग बहादुर सिंह ने इस संबंध में कार्रवाई करने की गुहार लगायी थी. सीएम ने मौके पर मौजूद डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद से जांच करवाने और कार्रवाई करने को कहा था. इसके बाद पिछले 18 अगस्त को अनुभूति श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया.
जेल भेजी गयीं सासाराम नगर पर्षद की पूर्व इओ
सासाराम कोर्ट. 55.56 लाख रुपये गबन करने के आरोप में गिरफ्तार सासाराम नगर पर्षद की पूर्व कार्यकारी पदाधिकारी कुमारी हिमानी को बुधवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. मंगलवार को हिमानी को शेरघाटी के बीडीओ पति के आवास से गिरफ्तार किया था.
फुलवरिया में घूस लेते राजस्वकर्मी गिरफ्तार
फुलवरिया (गोपालगंज). बुधवार की अहले सुबह निगरानी, पटना की टीम ने फुलवरिया प्रखंड में एक राजस्व कर्मचारी गोपाल सिंह को10 हजार रुपये घूस लेते हुए गिरफ्तार कर लिया. वह रास्ते के विवाद सुलझाने के लिए घूस ले रहे थे. गिरफ्तारी के बाद निगरानी की टीम राजस्व कर्मचारी को अपने साथ पटना लेकर चली गयी.
Posted by Ashish Jha