पटना. बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रविवार को नयी दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की. इस दौरान प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था से जुड़े कई मुद्दे उठाये. सकारात्मक माहौल में हुए इस संवाद में बिहार के शिक्षा मंत्री ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत राज्य को मिलने वाली राशि में केंद्र की तरफ से की जा रही कटौती का मुद्दा उठाया.
उन्होंने साफ किया कि इस अभियान के तहत 2018-19 से शिक्षकों के वेतन मद में एक हजार करोड़ से अधिक की कटौती की गयी है. शिक्षा मंत्री चौधरी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बताया कि शिक्षकों के वेतन मद में कटौती किये जाने से बड़ी संख्या में शिक्षकों को वेतन स्वीकृत नहीं हो पा रहे हैं.
इस तरह चौधरी ने वेतन कटौती से जुड़े इस मामले में एक हजार करोड़ से अधिक राशि घटाने पर केंद्रीय मंत्री का ध्यान आकृष्ट किया. इसके अलावा बिहार के शिक्षा मंत्री चौधरी ने विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किये जाने के लिए केंद्र की वचनबद्धता की याद दिलायी, जिसके तहत केंद्र से बिहार को 295 करोड़ मिलने थे. श्री चौधरी ने आग्रह किया कि केंद्र इस राशि को जारी करे.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के समक्ष प्रदेश के शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने मध्याह्न भोजन योजना का मसला भी उठाया. श्री चौधरी ने उन्हें नयी शिक्षा नीति के तहत नाश्ते के प्रावधान को मध्याह्न भोजन योजना मिला कर उसका संचालन किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने का सुझाव दिया. बताया कि शिक्षकों को एमडीएम से अलग रखकर विद्यालयों के शैक्षणिक माहौल की गरिमा बरकरार रखने का भी जिक्र किया.
इसी तरह उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मध्याह्न भोजन योजना के तहत रसोइयों के वेतन बढ़ाने की भी सिफारिश की. इन सभी मामलों पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बिहार के शिक्षा मंत्री को आश्वस्त किया कि केंद्र इस मामले में उचित कदम उठायेगा. साथ ही भरोसा दिलाया कि इस मामले में पटना आकर समीक्षा भी करेंगे.
Posted by Ashish Jha