Vijay Khare Death: भोजपुरी इंडस्ट्री में अपनी खास पहचान बनाने वाले एक्टर विजय खरे नहीं रहे. 72 साल की उम्र में उन्होंने बेंगलुरू में अंतिम सांस ली है. वह काफी दिनों से किडनी रोग से परेशान थे. जिसके बाद उन्हें बेंगलुरु के कावेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी हालत कुछ दिनों से स्थिर बनी थी. लेकिन, आज सुबह 4 बजे अचानक उनकी तबियत बिगड़ी और उनका निधन हो गया.
पार्किंसन नामक बीमारी से थे ग्रसित
बता दें कि फिल्मों में खलनायक कि भूमिका निभाने के लिए विजय खरे मशहूर थे. विजय खरे की मशहूर फिल्मों में 1983 की फिल्म गंगा किनारे मोरा गांव शामिल है. उन्होंने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया है. बता दें कि विजय खरे काफी समय से डायलिसिस पर थे. वे पार्किंसन नामक बीमारी से ग्रसित थे. लंबे समय से उनका इलाज चल रहा था. आज उन्होंने बेंगलुरु के कावेरी अस्पताल में अंतिम सांस ली है. उन्हें बिहार का गब्बर सिंह भी कहा जाता था.
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लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से किया गया था सम्मानित
विजय खरे बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के मालीघाट के रहने वाले थे. वे मुंबई में अपना जीवन स्थापित कर लिए थे. उन्होंने अभिनय स्कूल, विजय खरे अकादमी की भी स्थापना की थी. वहीं वे नई पीढ़ी को भी एक्टिंग में मौका देते थे और सिखाते थे. महशूर अभिनेता विजय ने रायजादा (1976), गंगा किनारे मोरा गांव (1983) और हमरा से बियाह करबा (2003) जैसी फिल्मों में अपने यादगार अभिनय से अलग छाप छोड़ी. उनके दमदार अभिनय ने उन्हें भोजपुरी में एक स्थायी विरासत दिलाई. फिल्म इंडस्ट्री में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए 2019 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया.