Vikas Vaibhav Controversy: बिहार होमगार्ड और फायर ब्रिगेड की डीजी शोभा अहोतकर और आइजी विकास वैभव का विवाद और भी गहरा गया है. डीजी ने सरकार से अपने जूनियर अफसर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को पत्र लिखा है. पलटवार में आइजी ने गृह सचिव को पत्र लिखकर अपने सीनियर अफसर से सपरिवार खतरा बताते हुए गंभीर आरोप लगाये हैं. आइजी ने डीजी के मातहत सेवा देने में असमर्थता प्रकट की है. आइजी विकास वैभव ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिख कर खुद को आइजी गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशमन सेवाएं के पद से मुक्त करने का अनुरोध किया है.
आइजी विकास वैभव ने अपर मुख्य सचिव से डीजी शोभा अहोटकर की शिकायत करते हुए पत्र में कहा कि डीजी मैडम ने मुझे आठ फरवरी की बैठक में तीन बार सभी के सामने ब्लडी आइजी कहा. डीआइडी बिनोद कुमार को अपमानित किया. गेटआउट कहकर सभाकक्ष से बाहर निकाल दिया. इस वजह से मैं काफी विचलित और मानसिक रूप से द्रवित हो उठा. बैठक के बाद हुए अपमान के कारण मुझे पूरी रात नींद नहीं आयी और रात में मैंने ट्वीट कर दिया. हालांकि बाद में मुझे लगा कि ट्वीट न कर मुझे सरकार को अवकाश के लिए आवेदन देना चाहिए. बाद में मैंने ट्रीट डिलीट कर दिया.
वह लिखते है कि 20 अक्टूबर 2022 को आइजी सह अपर महासमादेष्टा, गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशाम सेवाए का पदभार ग्रहण करने के बाद से ही डीजी सभी साक्षात्कारों तथा सभी विभागीय पदाधिकारियों की हर बैठक में अनावश्यक असंसदीय तथा अमर्यादित भाषा का प्रयोग करती थी. उनके अमानवीय दुर्व्यवहार के कारण ही डीआइजी विनोद कुमार उनके कार्यालय कक्ष में बेहोश भी हो गये थे. लगभग 45 मिनट के बाद उनको होश आया था. तभी से उनकी तबीयत लगातार खराब ही चल रही है. डीजी ने उन (आइजी) सहित कई अफसरों को बिहारी और बिहारी कामचोर होते हैं, बोलकर अपमानित किया गया.
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डीजी शोभा अहोतकर जूनियर आइपीएस अफसरों से गाली देकर बात करती हैं, यह जानकारी सरकार को दिसंबर के पहले सप्ताह में ही दे दी गयी थी. मुख्य सचिव को भी बताया गया था. विकास वैभव ने अपर मुख्य सचिव गृह को लिखे पत्र में यह जानकारी दी है.
आइजी विकास वैभव ने बताया कि दिसंबर के पहले सप्ताह में एसीएस गृह चैतन्य प्रसाद को उनके कार्यालय कक्ष में निजी रूप से मिलकर बताया गया था कि डीजी लगातार गाली दे रही हैं. अपमानित कर रही है. पत्नी के संबंध में भी अपमानजनक टिप्पणियां करती हैं. इसके बाद 23 जनवरी को आइजी विकास वैभव, डीआइजी विनोद कुमार तथा समादेष्टा ‘ब’ राजीव रंजन भी साथ में चैतन्य प्रसाद से मिले थे. सामूहिक रूप से शिकायत दर्जकरायी थी. 24 जनवरी को डीआइजी विनोद कुमार और राजीव रंजन ने मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को डीजी के अमानवीय दुर्व्यवहार की शिकायत की थी.