विक्रमशिला महोत्सव का दो दिवसीय आयोजन शनिवार को शुरू होगा. इसमें बॉलीवुड से लेकर स्थानीय कलाकारों तक की महफिल सजेगी. कहलगांव के अंतीचक में स्थित ऐतिहासिक विक्रमशिला महाविहार के समीप होनेवाले आयोजन की तैयारी जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के नेतृत्व में पूरी कर ली गयी है.
महोत्सव का उद्घाटन बतौर विशिष्ट अतिथि सांसद अजय कुमार मंडल, कहलगांव विधायक पवन कुमार यादव, पीरपैंती विधायक ललन पासवान, प्रमंडलीय आयुक्त दयानिधान पांडेय, डीआइजी विवेकानंद और एसएसपी आनंद कुमार करेंगे. यह आयोजन पर्यटन विभाग के सौजन्य से जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है.
कार्यक्रम में सुलतानगंज विधायक ललित नारायण मंडल, गोपालपुर विधायक नरेंद्र कुमार नीरज, नाथनगर विधायक अली अशरफ सिद्दीकी, भागलपुर विधायक अजीत शर्मा, बिहपुर विधायक कुमार शैलेंद्र, एमएलसी डॉ एनके यादव व विजय कुमार सिंह, जिला परिषद अध्यक्ष अनंत कुमार उर्फ टुनटुन साह को भी आमंत्रित किया गया है.
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बॉलीवुड के पार्श्व गायक अल्ताफ राजा, टेलीविजन के चर्चित कार्यक्रम सारेगामापा फेम गायिका लाज, इंडियन आइडल वीनर सलमान अली, सारेगामापा फेम गायिका श्रेयसी चक्रवर्ती की प्रस्तुति होगी. स्थानीय कलाकारों द्वारा नृत्य नाटिका, लोकगीत, समूह नृत्य, सूफी संगीत आदि का आयोजन होगा. 19 मार्च को महोत्सव में मीरा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति भागलपुर की श्वेता सुमन देंगी.
महोत्सव स्थल व इसके आसपास 40 स्थानों पर जिला व पुलिस प्रशासन ने दंडाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों व पुलिस बल की तैनाती की है. सभी प्रतिनियुक्त पदाधिकारी व पुलिस टीम शनिवार को 12 बजे तैनात हो जायेंगे. उन्हें सुरक्षा व शांति व्यवस्था बनाये रखने का निर्देश दिया गया है. जीवन रक्षक दवा सहित चिकित्सक व एंबुलेंस की व्यवस्था कार्यक्रम स्थल पर रहेगी. एक यूनिट अग्निशमन दस्ता भी रहेगा. नियंत्रण कक्ष स्थापित रहेगा.
दुनिया भर में मशहूर कहलगांव के अंतीचक स्थित विक्रमशिला महाविहार सबसे बड़े बौद्ध विश्वविद्यालयों में से एक था, जिसकी स्थापना आठवीं शताब्दी के अंत में दूसरे पाल सम्राट धर्मपाल ने की थी. पटना विश्वविद्यालय और बाद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा 15 से अधिक वर्षों तक व्यापक उत्खनन किये गये. इसमें सैकड़ों मठवासी कक्षों, प्रवेश द्वारों, चहारदीवारी आदि के साथ एक बड़े चैत्य को उजागर किया गया. इसमें हिंदू देवताओं की मूर्तियां भी मिली हैं. स्मारक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत संरक्षित है.
संरक्षित क्षेत्र लगभग 104.62 एकड़ में है. वर्ष 2004 में स्थापित विक्रमशिला संग्रहालय में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (1972-82) द्वारा किये गये उत्खनन के दौरान खोजे गये कुछ चुनिंदा पुरावशेषों को प्रदर्शित किया गया है. उत्खनन से एक विशाल वर्गाकार बौद्ध मठ का पता चला था, जिसके केंद्र में एक सलीब के आकार का स्तूप है और इसके दक्षिण-पश्चिम कोने में एक पुस्तकालय जुड़ा हुआ है. इस साइट की मूर्तियां कला के एक अलग स्कूल की गवाही देती हैं.
Published By: Thakur Shaktilochan