भागलपुर में विक्रमशिला पुल के समानांतर नये पुल के निर्माण का रास्ता साफ, महज इतने दिनों बाद दौड़ेगी गाड़ियां
भागलपुर में विक्रमशिला पुल के समानांतर नये पुल के निर्माण का रास्ता अब साफ हो चुका है. निर्माण कार्य को अब बहुत जल्द फॉरेस्ट क्लीयरेंस भी मिल सकेगा. यह पुल विक्रमशिला सेतु से 50 मीटर दूर पूरब में बरारी में करीब 994.31 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा.
भागलपुर: बिहार में गंगा नदी पर विक्रमशिला सेतु के समानांतर नये फोरलेन पुल सहित रजौली-बख्तियारपुर पैकेज-1 फोरलेन सड़क निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. इन दोनों परियोजनाओं में वाइल्ड लाइफ क्लीयरेंस का इंतजार था. जिसे अब मंजूरी मिल चुका है. जानकारी के मुताबिक निर्माण कार्य को अब बहुत जल्द फॉरेस्ट क्लीयरेंस भी मिल सकेगा.
निर्माण एजेंसी का किया गया चयन
विक्रमशिला सेतु के समानांतर नये फोरलेन पुल को बनाने के लिए निर्माण एजेंसी का चयन हो चुका है और केवल वाइल्ड लाइफ क्लीयरेंस नहीं मिलने से इसका निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा था.
इसी माह शुरु होगा निर्माण कार्य
22 दिसंबर 2022 को इसकी मंजूरी मिलने के बाद अब इसी महीने निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा. यह पुल विक्रमशिला सेतु से 50 मीटर दूर पूरब में बरारी में करीब 994.31 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा. इसका दोबारा टेंडर जुलाई में एसपी सिंघला के नाम से फाइनल हुआ है.
पुल की लंबाई चौड़ाई में नहीं होगा बदलाव
पहले की तरह ही समानांतर पुल की चौड़ाई 29 मीटर, लंबाई 4.455 किलोमीटर होगी. 8.920 किमी से 13.375 किमी के बीच बनने वाले इस पुल का अप्रोच नवगछिया की तरफ से 35 मीटर और भागलपुर की तरफ से 53 मीटर होगा.
पहले इस पुल के निर्माण संबंधी टेंडर राशि 838 करोड़ से 157 करोड़ अधिक बढ़ कर 995 करोड़ हो गयी है. फरवरी, 2021 में लार्सन एंड टूब्रो के नाम से टेंंडर फाइनल हुआ था, लेकिन भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्ल्यूएआइ) की ओर से यह बताकर निर्माण पर रोक लगा दी गयी थी कि पुल के स्पेन का फासला 100 मीटर नहीं था.
कई बार निर्माण कार्य में आ चुका है बाधा
बता दें कि फरवरी, 2021 में लार्सन एंड टूब्रो के नाम से टेंंडर फाइनल हुआ था, लेकिन भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्ल्यूएआइ) की ओर से यह बताकर निर्माण पर रोक लगा दी गयी थी कि पुल के स्पेन का फासला 100 मीटर नहीं था. आइडब्ल्यूएआइ ने कम से कम 100 मीटर स्पेन के फासले की शर्त पर फोरलेन पुल के लिए चयनित एजेंसी भी अतिरिक्त राशि की मांग करने लगी थी.