शशिभूषण कुंवर,पटना: बिहार की 8061 ग्राम कचहरियों द्वारा स्थानीय स्तर के मुकदमों के निबटारे में तेजी से काम कर रही हैं. ग्राम कचहरी और उसकी न्यायपीठों द्वारा दायर दीवानी और मुकदमों का सुलभ न्याय उपलब्ध करा रही है. बिहार की ग्राम कचहरियों को प्राप्त मुकदमों के निबटारे की दर औसतन 87 प्रतिशत है. दो वित्तीय वर्षों (2021-22 और 2022-23) में कुल 63601 मुकदमों का निबटारा किया गया, जबकि 56918 फौजदारी मुकदमों का निष्पादन किया गया.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य की ग्राम कचहरियों द्वारा निष्पादित मुकदमों की मॉनीटरिंग की जा रही है. इस दिशा में पंचायती राज विभाग ने भी ग्राम कचहरियों को सशक्त किया है. कोशिश है कि ग्राम कचहरियों के अधीन मिली शक्ति का प्रयोग करते हुए स्थानीय नागरिकों को सुलभ और सस्ता न्याय मिल सके.
विभाग द्वारा तैयार दो वित्तीय वर्षों की रिपोर्ट के अनुसार राज्य की 8061 ग्राम कचहरियों में कुल तीन लाख 81 हजार 778 बैठकें हुईं. इसमें वित्तीय वर्ष 2021-22 में 187778 बैठकें, जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 25 नवंबर, 2022 तक कुल 194046 बैठकें मुकदमों के निबटारे के लिए की गयी हैं.
बैठकों में ग्राम कचहरी की न्यायपीठ के सामने दो साल में दीवानी के 73340 मामले दायर कराये गये, जबकि फौजदारी के 64962 मामले दायर कराये गये. स्थिति यह है कि दोनों प्रकार के मामलों के निष्पादन का रेट 87 प्रतिशत रहा है. अभी तक राज्य की ग्राम कचहरियों में दीवानी के सिर्फ 10052 और फौजदारी के 8351 मामले ही लंबित हैं.
पंचायती राज मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम ने बताया कि बिहार में ग्राम कचहरियों की न्यायपीठों द्वारा स्थानीय स्तर पर दायर किये गये मुकदमों का बेहतरी से निबटारा किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कुछ विवादों के निबटारे में कुछ समय जरूर लगता है , पर स्थानीय स्तर के अधिसंख्य विवादों का निबटारा ग्राम कचहरियों द्वारा किया जा रहा है. विभाग के स्तर से इसकी समय -समय पर समीक्षा भी की जाती है.