बिहार की 2477 ग्राम कचहरियों के पास अपना भवन नहीं, सरकार का सालाना सवा तीन करोड़ किराये पर हो रहा खर्च
पिछले 17 वर्षों से सरकार इन कचहरियों को किराये के मकान में संचालित करा रही है. इसके लिए सलाना सवा तीन करोड़ किराये के रूप में भुगतान करना पड़ता है. त्रिस्तरीय ग्राम पंचायतों के साथ पंचायत स्तर पर गठित ग्राम कचहरियों को संचालित करने के लिए सरपंच और पंच किराये के भवनों में कोर्ट का संचालन कर रहे हैं.
पटना. बिहार में वर्ष 2006 से नियमित अस्तित्व में आनेवाली 2477 ग्राम कचहरियों के पास अपना भवन नहीं है. स्थानीय स्तर पर होनेवाले विवादों का निष्पादन इन ग्राम कचहरियों के न्यायपीठ के माध्यम से किया जाता है. पिछले 17 वर्षों से सरकार इन कचहरियों को किराये के मकान में संचालित करा रही है. इसके लिए सलाना सवा तीन करोड़ किराये के रूप में भुगतान करना पड़ता है. त्रिस्तरीय ग्राम पंचायतों के साथ पंचायत स्तर पर गठित ग्राम कचहरियों को संचालित करने के लिए सरपंच और पंच किराये के भवनों में कोर्ट का संचालन कर रहे हैं. राज्य सरकार ग्राम पंचायत और ग्राम कचहरियों को संचालित करने के लिए हर पंचायत में पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कराने की स्वीकृति दी है.
आठ हजार ग्राम पंचायतों में पंचायत सरकार भवनों के निर्माण की स्वीकृति
सरकार द्वारा राज्य के सभी आठ हजार ग्राम पंचायतों में पंचायत सरकार भवनों के निर्माण की स्वीकृति दे दी गयी है. इन पंचायत सरकार भवन में ही ग्राम कचहरियों के लिए भी कोर्ट रूम, सरपंच, सहित सभी कर्मचारियों के बैठने का कार्यालय निर्मित होना है. स्वीकृति के बाद भी अभी तक राज्य भर में करीब 1500 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण हुआ है. ऐसे में जब तक सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत सरकार भवन का निर्माण नहीं हो जाता तब तक ग्राम कचहरियों के लिए सरकारी भवन में कार्यालय नहीं मिलेगा. राज्य में अभी तक सबसे अधिक 167 भाड़े पर चलनेवाली ग्राम कचहरियों की संख्या पूर्वी चंपारण जिले में है.
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सौ से अधिक ग्राम कचहरियां किराये के मकान में
बिहार में कई जिले हैं जहां पर सौ से अधिक ग्राम कचहरियां किराये के मकान में चलायी जा रही हैं. इसमें दरभंगा जिले में 147, पटना जिले में 146, कटिहार जिले में 135, अररिया में 104, कटिहार में 135, मुजफ्फरपुर में 108, नवादा में 111, सीवान में 136, पश्चिम चंपारण में 104, नालंदा में 112 और वैशाली जिले में 124 ग्राम कचहरियां शामिल हैं. इसके अलावा अरवल जिले में 36, भागलपुर में 41, गोपालगंज में 19, जमुई में 68, जहानाबाद में 35, किशनगंज में 18, मधेपुरा में 35, मधुबनी में 98, मुंगेर में 59, पूर्णिया में 43, रोहतास में 42, सहरसा में 49, समस्तीपुर में 95, शेखपुरा में 12, शिवहर में 33, सीतामढ़ी में 50, सारण में 50, बेगूसराय में 38, खगड़िया में 26, बांका में 19, औरंगाबाद में 60, सुपौल में 21, लखीसराय में 37, बक्सर में 71 और कैमूर में 28 ग्राम कचहरियों के पीठ भाड़े के मकान में चलाये जाते हैं.
छह माह का किराया एक करोड़ 63 लाख
राज्य सरकार द्वारा इन ग्राम कचहरियों के संचालन को लेकर प्रति ग्राम कचहरी एक हजार के हिसाब से छह माह का किराया एक करोड़ 63 लाख जारी किया है. ग्राम कचहरियों के संचालन के लिए किराये के मकान का न्यूनतम कारपेट एरिया आठ सो वर्गफीट निर्धारित किया गया है.