पटना. सुशासन के कार्यक्रम में स्वच्छ गांव-समृद्ध गांव निश्चय योजना के तहत सभी गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइटें लगायी जायेंगी. मंगलवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में इसकी मंजूरी दे दी गयी. साथ ही राज्य के राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालयों और माध्यमिक विद्यालयों में कुल 45,852 प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है.
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के तहत सभी ग्राम पंचायत के हर वार्ड में औसतन 10 सोलर स्ट्रीट लाइटें लगायी जायेंगी. राज्य में एक लाख 13 हजार 307 वार्ड हैं. पहले से मौजूद बिजली पोल पर इन्हें गांवों की सड़कों व गलियों में लगाया गया जायेगा. ब्रेडा के तकनीकी सहयोग से इन्हें लगाया जायेगा.
जो एजेंसी स्ट्रीट लाइटें लगायेगी, उसे इसका पांच वर्ष तक रखरखाव करना होगा. साथ ही सभी सोलर लाइटें जीपीएस से टैग की जायेंगी, जिससे सबको इसकी जानकारी मिल सकेगी. आपदा के समय सोलर लाइटों के क्षतिग्रस्त होने पर राज्य सरकार इसकी प्रतिपूर्ति करेगी. इसकी देखरेख के लिए तीन स्तर पर समन्वय समिति बनायी गयी है.
राज्य स्तर पर विकास आयुक्त की अध्यक्षता में समिति होगी, जबकि जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में समिति होगी और प्रखंड स्तर पर प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी की अध्यक्षता में समन्वय समिति काम करेगी. सोलर स्ट्रीट लाइट में 12 वाट या 20 वाट का बल्ब लगेगा. इसके निर्माण पर 75% खर्च 15वें वित्त आयोग की राशि से, जबकि 25% खर्च राज्य योजना मद से वहन किया जायेगा.
इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की हुई बैठक में पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों के अधीन पंचायत प्रारंभिक शिक्षक व नगर प्रारंभिक शिक्षक के मूल कोटि के स्वीकृत 40518 पदों को समाप्त कर दिया. साथ ही राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालयों में मूल कोटि के पदों की जगह पर 40,518 प्रधान शिक्षकों के पदों के सृजन की स्वीकृति दी गयी है.
अब प्रधान शिक्षकों की सीधी नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के माध्यम से की जायेगी. कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि कैबिनेट ने माध्यमिक विद्यालय विहीन पंचायतों में प्रधानाध्यापकों के 5334 पदों के सृजन की भी स्वीकृति दी है. सभी पंचायतों में सरकार ने हायर सेकेंड्री विद्यालयों की स्थापना का निर्णय लिया गया है. राज्य भर में 9360 हायर सेंकेंड्री स्कूल हैं, जिनमें 5334 माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के पद सृजित नहीं किया गया था.
अब सभी माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यपकों के पद सृजित कर दिये गये हैं. माध्यमिक विद्यालयों के सभी पद प्रमंडलीय संवर्ग के होंगे और इनकी भी सीधी नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से होगी. प्रधानाध्यापकों के पदों पर नियुक्ति के बाद विद्यालयों में कुशल नेतृत्व प्राप्त होने से उचित शैक्षणिक वातावरण का निर्माण होगा.
Posted by Ashish Jha