बिहार में 12 जिलों के ग्रामीणों को 10 रूपये में मिलेगा एलइडी बल्ब, तीन साल की होगी वारंटी

इस योजना की शुरुआत मार्च 2021 में भोजपुर जिले के आरा में केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह ने की थी. फिलहाल वहां के ग्रामीण इलाकों में बिजली उपभोक्ताओं को एलइडी बल्ब दिये जा रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | June 24, 2021 11:27 AM

पटना. राज्य में पटना सहित 12 जिलों के ग्रामीण बिजली उपभोक्ताओं को अगले एक महीने में 10 रुपये में एलइडी बल्ब मिलने लगेगा. इसमें पटना, भागलपुर, बांका, भभुआ, बेगूसराय, मुंगेर, भोजपुर, जहानाबाद, नालंदा, गया, बक्सर और रोहतास शामिल हैं. केंद्र की ग्राम उजाला योजना के तहत सात और 12 वाट के बल्ब की तीन साल वारंटी होगी.

इस योजना की शुरुआत मार्च 2021 में भोजपुर जिले के आरा में केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह ने की थी. फिलहाल वहां के ग्रामीण इलाकों में बिजली उपभोक्ताओं को एलइडी बल्ब दिये जा रहे हैं. वहां करीब 25 लाख एलइडी बल्ब दिये जायेंगे. दूसरे चरण में राज्य के करीब एक करोड़ ग्रामीण उपभोक्ताओं को इसका लाभ होगा.

इसका मकसद ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है. सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार की ग्राम उजाला योजना के तहत सभी गांवों में कैंप लगाये जायेंगे. इस योजना के लिए नियुक्त कर्मी गांव में प्रत्येक बिजली उपभोक्ता के घर जायेंगे और उनसे पुराने पांच बल्ब लेकर 10-10 रुपये में नये एलइडी बल्ब दिये जायेंगे.

क्या है कार्बन क्रेडिट फंड

सूत्रों के अनुसार ग्रीन इनर्जी योजना में प्रत्येक देश अपने संसाधनों को विकसित कर जितना कार्बन पर्यावरण में जाने से रोकते हैं, उस मात्रा के अनुसार संयुक्त राष्ट्र संबंधित देश के लिए कार्बन क्रेडिट फंड बनता रहता है. इस फंड का इस्तेमाल जरूरत के अनुसार संबंधित देश कर सकते हैं. ग्राम उजाला योजना के तहत भी भारत संयुक्त राष्ट्र से कार्बन क्रेडिट को कैपिटलाइज करेगा. इससे उपभोक्ताओं पर भार भी नहीं पड़ेगा और सस्ती दर पर उपभोक्ताओं को एलइडी बल्ब मिलेंगे.

यूएन की कार्बन क्रेडिट योजना से होगी सब्सिडी की भरपाई

सात वाट के एलइडी बल्ब की लागत करीब 70 रुपये और 12 वाट के एलइडी बल्ब की लागत करीब 80 रुपये है. ऐसे में 10 रुपये में बिजली उपभोक्ताओं को बल्ब देने के बाद करीब 60 और 70 रुपये प्रति बल्ब की लागत की भरपाई केंद्र सरकार करेगी. इसके लिए संयुक्त राष्ट्र के कार्बन क्रेडिट फंड का लाभ लिया जायेगा. इस तरह पर्यावरण संरक्षण करने की एवज में भारत को इसका फायदा मिल जायेगा.

Posted by Ashish Jha

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