केंद्र सरकार पर वीआईपी का तीखा हमला, राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा जनता के लिए सरकार कब निभायेगी अपना कर्तव्य
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने केंद्र सरकार के उपर बड़ा हमला किया है. उन्होंने कहा कि जनता के लिए सरकार अपना 'कर्तव्य' कब निभायेगी. उन्होंने कहा कि पहले एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी छोड़ने का आह्वान किया गया. बाद में दाम इतने अधिक बढ़ा दिए गए कि नागरिकों की कमर टूट जाए
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने रविवार को बिना किसी के नाम लिए केंद्र सरकार के ‘राजपथ’ का नाम ‘कर्तव्य पथ’ किए जाने पर इशारों ही इशारों में निशाना साधा है. वीआईपी ने सरकार को सजग कर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सरकार अपने कर्तव्य को कब निभायेगी. वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि भारत के नागरिकों की त्रासदी यह है कि आज देश के 85 करोड़ नागरिक सरकारी राशन पर जीवन व्यतीत कर रहे हैं. स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के कारण नागरिक हर रोज मारे जा रहे हों, गर्भवती महिलाओं का प्रसव अस्पतालों के बाहर सड़क पर होता हो, सरकारी अस्पतालों में लगी लाइन और प्राइवेट अस्पतालों में महंगे मिलने वाला इलाज कई भारतीयों को प्रतिदिन बीमारी से पहले हताशा से मार रहा हो, बेरोजगार प्रतिदिन सड़कों पर लाठियां खा रहे हों, तब क्या यह सवाल नहीं उठता कि सरकार अपने कर्तव्यों को भूल गई है.
काले धन को समाप्त करने का वायदा भी निकला झूठ
देव ज्योति ने कहा कि हम किसी सरकार पर आरोप नहीं लगा रहे, लेकिन वास्तव में नागरिकों के अधिकारों को नकार देने की प्रक्रिया का ही यह हिस्सा है कि देश में आज यह स्थिति है. उन्होंने कहा कि पहले स्वतः एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी छोड़ने का आह्वान किया गया और बाद में दाम इतने अधिक बढ़ा दिए गए कि नागरिकों की कमर टूट जाए. देश में भ्रष्टाचार को ख़त्म करने के लिए नोटबंदी लागू कर दी गई, भ्रष्टाचार का अंत करने व काले धन को समाप्त करने का वायदा भी झूठ निकला.
जनता के अधिकारों का हनन हो रहा
सरकार में आने के लिए सभी दल झूठ बोलकर कुर्सी तक पहुंच रहे, लेकिन वादों का क्या? सरकार जब अपने कर्तव्य भूलेगी तो स्वाभाविक है कि जनता के अधिकारो का हनन होगा. वीआईपी नेता देव ज्योति ने आगे कहा कि बेरोजगारी देश में बढ़ती जा रही, लेकिन सरकार बचाने और गिराने का खेल चल रहा है. उन्होंने कहा सरकार, सड़कों, इमारतों, राज्य, देश का नाम बदल सकती है, नए कानून बना सकती है, लेकिन जबतक अपने कर्तव्य पथ पर नहीं चलेगी तब तक जनता का कल्याण नहीं होगा.