वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी मेदांता अस्पताल में भर्ती जदयू एमएलसी से मिले, कहा गैर-राजनीतिक थी मुलाकात

विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी रविवार को दिल्ली पहुंचे और वहां से गुड़गांव पहुंच कर अस्पताल में भर्ती जदयू के विधान पार्षद दिनेश सिंह से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 18, 2022 7:47 PM

विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी रविवार को दिल्ली पहुंचे और वहां से गुड़गांव पहुंच कर अस्पताल में भर्ती जदयू के विधान पार्षद दिनेश सिंह से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली. सहनी के साथ मिलने वालों में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति भी साथ थे. देव ज्योति ने बताया कि पार्टी प्रमुख सहनी मेदांता अस्पताल पहुंचकर सिंह से मुलाकात की और उनका हाल चाल जाना. सहनी विधान पार्षद का इलाज कर रही डॉ भारती से भी मिलकर सिंह के स्वास्थ्य के विषय में जानकारी प्राप्त की.

निजी कार्यक्रम में शामिल होने दिल्ली गए हैं मुकेश सहनी

मुकेश सहनी ने दिनेश सिंह से मिलकर उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की . गौरतलब है कि उनकी पत्नी पत्नी वीणा देवी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी की सांसद हैं. देव ज्योति ने आगे सहनी के कार्यक्रम के विषय में बताया कि दिल्ली में उनका निजी कार्यक्रम हैं. उन्होंने हालांकि राजनीति से संबंधित लोगों से मिलने से इंकार नहीं किया.

बिहार में जंगल राज कहना राज्य का अपमान

मुकेश सहनी हिन्दी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि आज आजादी के 75 साल पूरे होने पर जश्न मनाया जा रहा है लेकिन आज भी पिछड़ों, एससी, एसटी के पास रहने को घर नहीं है.उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत आरक्षण खत्म करने की साजिश रची जा रही है. लालू प्रसाद, नीतीश कुमार और स्व राम विलास पासवान ने गरीबों के लिए काम किया है. इसी लड़ाई को आगे बढ़ाना है. कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कुढ़नी विधानसभा में होने वाले उपचुनाव में पार्टी के चुनाव लडने की घोषणा भी की.उन्होंने कहा कि बिहार में जहां भी चुनाव होंगे वहां पार्टी मजबूती के साथ चुनाव लडेगी. भाजपा द्वारा बिहार में जंगल राज कहे जाने पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि जंगल राज कहा जाना राज्य का अपमान है .उन्होंने भाजपा को नसीहत देते हुए कहा कि आप विरोध कीजिए लेकिन जंगल राज कहकर राज्य का अपमान मत कीजिए.

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