पटना. पटना जिले में बच्चों में वायरल बुखार, निमोनिया व ब्लड में इन्फेक्शन के केस बढ़ रहे हैं. शहर के चार बड़े अस्पतालों आइजीआइएमएस, पीएमसीएच, एम्स और एनएमसीएच के शिशु रोग विभाग के ओपीडी में सोमवार को इलाज के लिए 522 बच्चे पहुुंचे.
आइजीआइएमएस और पीएमसीएच आठ को एडमिट किया गया. ये बच्चे एक साल से 11 साल उम्र के बीच में हैं. इनमें एक बच्चा सात माह का है, जिसे पीएमसीएच के एनआइसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है. चार बच्चे पीएमसीएच में और चार बच्चे आइजीआइएमएस में भर्ती कराये गये हैं.
पीएमसीएच के ओपीडी में 65 बच्चे इलाज के लिए पहुंचे थे, जबकि आइजीआइएमएस के ओपीडी में 167 बच्चों का इलाज किया गया. इन दोनों ही बड़े अस्पतालों में रविवार को पांच बच्चों को एडमिट किया गया था. लगातार बढ़ रहे बच्चों में वायरल निमोनिया व ब्लड में इन्फेक्शन के केस को लेकर अस्पताल प्रशासन सतर्क है.
बच्चों में श्वसन तंत्र की समस्या भी आ रही है. पटना एम्स में तबीयत खराब की समस्या को लेकर 180 बच्चों का ओपीडी में इलाज किया गया. इसमें 25 बच्चे ऐसे थे, जिनमें श्वसन तंत्र में शिकायत थी. हालांकि उनकी स्थिति ठीक थी. इसके कारण उन्हें एडमिट नहीं किया गया है. इसके अलावे तीन बच्चों को अलग-अलग समस्याओं को लेकर एडमिट किया गया.
पीएमसीएच शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एके जायसवाल की मानें, तो पिछले तीन हफ्तों में वायरल फीवर के मामले तेजी से बढ़े हैं. वहीं, अगर पिछले साल के मुकाबले अब तक डेढ़ गुना मामले सामने आये हैं. फिलहाल रोजाना 70 से 120 वायरल फीवर से पीड़ित बच्चे ओपीडी में देखे जा रहे हैं. ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है. बच्चों में ज्यादातर मामले 10 साल से कम उम्र के में देखे जा रहे हैं.
इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ एनके अग्रवाल ने बताया कि इस बार इस वायरल फीवर से बच्चों की संख्या में वृद्धि देखने को तो मिल रही है, लेकिन कम ही बच्चों को अस्पताल में दाखिल किया जा रहा है. बच्चों के माता-पिता को इन दिनों बच्चों पर खास ध्यान देना है.
बच्चों को भीड़ वाले इलाके में न जाने दें. बच्चे मास्क पहन कर घर से निकलें. वापस घर आने पर हाथ साबुन से जरूर धोएं. ताजे फल खासकर विटामिन सी वाले फल जरूर खिलाएं. फूड से बच्चों को बचाएं और खांसी-जुखाम बुखार जैसे लक्षण दिखते ही बच्चों को अस्पताल ले जाएं.
Posted by Ashish Jha