vishwa hindi diwas 2021 : देशभर में 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है. हिंदी बिहार की राजभाषा है. देश में हिंदी को राजभाषा बनाने वाला सबसे पहला राज्य बिहार ही बना था. बिहार में आजादी से पहले से हिंदी को राजभाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है. बिहार में इस साल हिंदी दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं.
बता दें कि हिंदी को सबसे पहले 14 सितंबर 1949 को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता मिली. बिहार में 1881 ईस्वी में हिंदी को राजभाषा के रूप में अपनाई. बिहार ऐसा करने वाला पहला राज्य बना था. वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 77% लोग हिंदी लिखते, पढ़ते, बोलते और समझते हैं. हिंदी उनके कामकाज का भी हिस्सा है.
ये है हिंदी का इतिहास– बता दें कि सबसे पहले वर्ष 1918 में महात्मा गांधी (Mahatma gandhi) ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने पर जोर दिया था. इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था. 26 जनवरी 1950 को संविधान की धारा 343 के तहत 14 सितंबर को हिंदी दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया था.
भाषाविद् ग्रियर्सन ने अपनी किताब लिंग्विस्टिक सर्वे ऑफ इंडिया में बिहारी भाषा का जिक्र किया गया है. ग्रियर्सन की मानें तो वर्तमान में उत्तरी और दक्षिणी बिहार के लोगों द्वारा सम्मिलित रूप से एक भाषाएं बोली जाती थी, जिसमें मैथिली, भोजपुरी, अंगिका अदि का मिश्रण होता था. ग्रियर्सन ने इसे बिहारी भाषा कहा.
बिहार में इन भाषाओं का भी है बोलबाला– हिंदी के अलावा बिहार में और भी कई भाषाएं बोली जाती है. बिहार में हिंदी के अलावा उर्दू भाषा भी बोली जाती है. उर्दू भाषा बिहार में राजभाषा है. इसके अलावा बिहार में भोजपुरी, मगही, अंगिका और बज्जिका केसाथ ही मैथिली भाषा/बोली भी मुख्य रूप से बोला जाता है.
Posted By : Avinish kumar mishra