हिंदू धर्म में शुभ विवाह के लिए शुभ मुहूर्त बेहद खास होता है. देव दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा को धार्मिक उत्सव मनाया जाता है. उसी दिन से शुभ कार्य की शुरुआत होती है. इस बार 24 नवंबर से वर-वधू सात फेरे लेंगे और शहनाइयां बजने लगेंगी. नवंबर और दिसंबर के 60 दिनों में केवल 13 दिन ही लग्न में शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं. जबकि वर्ष 2023 के जनवरी, फरवरी माह मिलाकर मात्र 13 लग्न की गणना की गयी है. इस तरह चार माह में 26 दिन ही वर-वधू के लिए अच्छे संयोग बताये जाते हैं. लग्न को लेकर शहर और ग्रामीण इलाके के मंडियों में रौनक बढ़ गयी है. वर और वधू पक्ष की ओर से तैयारियों का दौर शुरू है. होटल-लॉज और बैंड-बाजा हाउसफुल बताये जाते हैं.
लग्न को देखते हुए कारोबारियों में भी बेहतर कारोबार की उम्मीदें जगी हैं. इसके लिए व्यवसायी अपनी दुकानों पर हर तरह के लग्नी सामान का मेल स्टॉक किया है. रेडीमेड कपड़े, जड़ी रहित साड़ियां, लहंगा-शेरवानी, उलेन कपड़े के अलावा सर्राफा बाजार में भी आभूषणों का हर मेल तैयार है. कम लग्न और ज्यादा मांग के कारण व्यवसायी भी उत्साहित है. मौर, सिंहोरा, पगड़ी, वरमाला आदि बनाने वाले कारीगर दिन-रात काम करने में जुटे हैं. जनवरी, फरवरी के लग्न के लिए वर-वधू पक्ष वाले भी सामान की बुकिंग के लिए मशक्कत कर रहे हैं.
लग्न में काफी तेजी होने के कारण हलवाई, वाहन, पंडाल सहित अन्य की बुकिंग पहले से ही पूरी कर ली गयी है. जबकि अगले वर्ष की बुकिंग को लेकर भाग-दौड़ शुरू हो गयी है. वैसे लोगों को ढूंढने से भी कई सामान नही मिल रहे है. हालांकि लोग निर्धारित रेट से भी अधिक राशि देने को तैयार है. बुकिंग फूल होने के कारण दर-दर की ठोकरें खा रहे है. कई वर पक्ष के लोग बैंड-बाजा, वाहन, हलवाई की बुकिंग के लिए पड़ोसी राज्य यूपी के बलिया, गाजीपुर और बनारस के दौड़ लगा रहे है.
मंडियों में लग्न की बिक्री की शुरुआत होते ही दुकानदारों के चेहरे पर रौनक आ गयी है. व्यवसायी अविनाश सिंह, पिंटू जायसवाल, शिवजी खेमानी, अभिषेक केशरी, राजकुमार गुप्ता, भगवानजी वर्मा ने बताया कि 24 नवंबर से पहले मंडियों में अधिक चहल-पहल बढ़ेगी और शादी-विवाह के सामानों की बिक्री परवान चढ़ेगी. वैवाहिक बंधन में बंधने वाले जोड़े के लिए हर तरह की शेरवानी और कढ़ाईदार रंग-बिरंगे लहंगा के अलावे कई डिजाइनों में ज्वेलरी से दुकानें सज गयी है.
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लहंगा चुनरी- 3000 से 40 हजार तक
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शेरवानी- 2000 से 20 हजार तक
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सिल्क साड़ी- 3000 से 10 हजार तक
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पगड़ी- 100 से 500 रुपये तक
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मौर- 150 से 350 रुपये तक
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सिंहोरा- 125 से 400 रुपये तक
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वरमाला- 300 से 500 रुपये तक
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जयमाल थाली- 150 से 250 रुपये तक