Vivah Panchami 2020: ‘एहन सुंदर मिथिला धाम, पायब नाहि कोनो ठाम’, दुल्हन माता सीता और दूल्हा बने प्रभु श्रीराम

Vivah Panchami 2020: प्रभु श्रीराम और माता सीता की सालगिरह पर शनिवार को विवाह पंचमी मनाया गया. अयोध्या से लेकर जनकपुरधाम तक भक्तों ने विवाह पंचमी पर कई अनुष्ठान किए. बिहार के दरभंगा जिले के धार्मिक स्थल अहल्यास्थान स्थित सिया पिया निवास में विवाह पंचमी के अवसर पर धूमधाम से सीताराम विवाहोत्सव मनाया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2020 9:07 PM

Vivah Panchami 2020: प्रभु श्रीराम और माता सीता की सालगिरह पर शनिवार को विवाह पंचमी मनाया गया. अयोध्या से लेकर जनकपुरधाम तक भक्तों ने विवाह पंचमी पर कई अनुष्ठान किए. बिहार के दरभंगा जिले के धार्मिक स्थल अहल्या स्थान स्थित सिया पिया निवास में विवाह पंचमी के अवसर पर धूमधाम से सीताराम विवाहोत्सव मनाया गया. इस अवसर पर भव्य राम लक्ष्मण की झांकी के साथ शोभा यात्रा निकाली गई. देर शाम झांकी वापस अहिल्या स्थान स्थित सिया पिया निवास पहुंची. भ्रमण के दौरान जगह-जगह श्रद्धालुओं ने राम-लक्ष्मण की झांकी पर फूलों की बारिश करते हुए आरती उतारी.

Also Read: Vivah Panchami 2020: श्रीराम और सीता की शादी की सालगिरह पर विवाह पंचमी, शुभ तिथि क्यों मानी जाती है अशुभ?
झांकी के अहिल्या स्थान पहुंचने पर गीतों से स्वागत

अहल्या स्थान में विवाह पंचमी पर आयोजित सीताराम विवाहोत्सव के अवसर निकली श्रीराम बारात की शोभा यात्रा सिया पिया निवास परिसर के नजदीक पहुंची. इस दौरान मौके पर मौजूद महिलाओं ने गीत गाए. एहन सुंदर मिथिला धाम, पायब नाहि कोनो ठाम, दुल्हा-दुल्हिन सीता-राम जनकपुर मेंमंगलमय दिनु आजु हे पाहुन छथि आयल , मंगल आजु जनकपुर अति मन भावन हे, मंगल दुल्हा-दुल्हिन परम सोहावन हेजैसे गीतों से माहौल भक्तिमय बन गया. समूचा अहल्या स्थान जनकपुर धाम बन गया.

जब जनक के द्वार पर दूल्हा बनकर पहुंचे श्रीराम

सिया पिया निवास पर बारात पहुंचते ही देखू-देखू सखिया, सजनी हमार हे, सुंदर दुलहवा ऐलन जनक दुवार हे, परिछन चलियऊ सखिया सुंदर दूलहवा हे सुहावन लागे, वर छथि अति सुकुमार हे सुहावन लागे जैसे गीत गूंज उठे. मानो खुद मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम माता सीता से विवाह करने बारात लेकर पहुंचे हैं. महिलाओं ने पारंपरिक रूप से दूल्हा का परिछन किया. इस दौरान मौके पर मौजूद महिलाओं ने सोने के थरिया सजाब हे सासु अम्मा, आई गेलो दूल्हा दमाद हे, आजु लोढ़ा से सेकाई इन कर गाल सखियांअवध नगरिया से ऐयले बरियतिया, जनक नगरिया भइले शोर, ढोल वो नगाड़ा बाजइ, बजइ सहनइया हे, देखन चलु न, सखि रघुबर के बरियतिया हे परिछन चलु ना गीत गाए.

Also Read: Ketu Ka Nakshatr Parivartan 2021: केतु करने जा रहे हैं ज्येष्ठा नक्षत्र में गोचर, जानें किन राशियों पर पड़ेगा इसका शुभ और अशुभ प्रभाव
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने थामा माता सीता का हाथ

वयोवृद्ध महंत रामचंद्र शरण दास रामायणी और महंत बजरंगी शरण के नेतृत्व में विवाहोत्सव की तैयारियों हुई. देर रात मंगल गीत के बीच ओठांगर, कन्यादान, सिंदूरदान जैसी पारंपरिक रस्म संपन्न कराई गई. इस पावन पल के गवाह बड़ी संख्या में श्रद्धालु बने. ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल अहल्या स्थान का वर्णन रामायण में भी किया गया है. इस स्थान की ख्याति पूरे विश्व में फैली हुई है. यहां सच्चे मन से की गई मनोकामना जरूर पूरी होती है. (दरभंगा के कमतौल से शिवेंद्र कुमार शर्मा की रिपोर्ट)

Posted : Abhishek.

Next Article

Exit mobile version