विवाह पंचमी: दामाद बनकर सीतामढ़ी आते हैं श्रीराम, मिथिला विधि-विधान से जानकी के घरवाले करते हैं स्वागत
विवाह पंचमी 2023 का रंग पूरे सीतामढ़ी पर इन दिनों चढ़ा हुआ है. श्रीराम दामाद बनकर विवाह पंचमी में आते हैं और माता जानकी के घरवाले उनका स्वागत करते हैं. पूरे मिथिला विधि-विधान से विवाह संपन्न होता है. जानिए क्या है इस बार तैयारी..
Vivah panchami 2023: श्रीराम और जानकी का विवाह उत्सव विवाह पंचमी 2023 रविवार को बेहद धूमधाम से मनाया जा रहा है. विवाह पंचमी के पूर्व संध्या पर मटकोर पूरी विधि-विधान के साथ किया गया. बिहार में विवाह पचंमी की विशेष धूम दिखाई देती है. इसकी बड़ी वजह सीतामढ़ी है. जहां की मान्यता है कि पुनौरा नाम के जगह पर धरती से सीता का जन्म हुआ था. इसे जानकी जन्मभूमि कहा जाता है. सीतामढ़ी में पिछले कुछ दिनों से श्रीराम व जानकी के विवाह को लेकर श्रद्धालु बेहद उत्साहित हैं. शुक्रवार को तिलकोत्सव भी बेहद धूमधाम से संपन्न हुआ था. शनिवार को मटकोर पूरे विधि-विधान से हुआ और अब रविवार को विवाह उत्सव मनाया जा रहा है. अयोध्या से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं. जबकि नेपाल के जनकपुर में भी पूरे धूमधाम से विवाह पंचमी मनायी जाती है. विवाह पंचमी को लेकर मिथिला क्षेत्र में एक अलग ही उत्साह दिखता है. श्रीराम को अपना दामाद मानते हुए सीतामढ़ी में उनका स्वागत होता है. श्रीराम अपने ससुराल जनकपुर में विवाह के बाद भोजन भी करते हैं. जिसे राम-कलेबा के रूप में जाना जाता है. इस दौरान महिलाएं पारंपरिक लोकगीत भी गाती हैं.
तिलकोत्सव के बाद मटकोर, समधी मिलन भी हुआ..
शुक्रवार को जनकपुर स्थित जानकी श्रीराम मंदिर परिसर में तिलकोत्सव का आयोजन हुआ. जानकी मंदिर की तरफ से अयोध्या से आए साधु-संतों के सामने भगवान श्रीराम को तिलक चढ़ाने की रस्म अदा की गयी. जनकपुरधाम को दुल्हन की तरह सजाया गया है. मंदिर परिसर में मंगल गीतों के बीच तिलकोत्सव हुआ. जानकी मंदिर से महंत के नेतृत्व में साधु-संत 1001 भार लेकर श्रीराम के तिलक उत्सव में राम मंदिर पहुंचे. पूरे रीति रिवाज से वैदिक धर्म के अनुसार, मिथिला परंपरा के विधि विधान से तिलकोत्सव मनाया गया. राम मंदिर के महंथ दशरथ की भूमिका में थे जबकि जानकी मंदिर के महंथ जानकी के पिता की भूमिका में रहे. दोनों ने समधी मिलन किया. तिलकोत्सव के मौके पर जनकपुर ही नहीं बल्कि पूरे मिथिला समेत सीमावर्ती क्षेत्र से श्रद्धालु भार, चंगेरा बनाकर जानकी मंदिर परिसर पहुंचे थे.
पुनौरा धाम समेत पूरे सीतामढ़ी में विवाह पंचमी की चहल-पहल
आज मां सीता की जन्मभूमि श्री सीतामढ़ी धाम स्थित जानकी मंदिर, सीतामढ़ी व जानकी मंदिर, पुनौरा धाम समेत जिले के सभी राम-जानकी मंदिरों में विवाह पंचमी के पावन पर्व पर श्री सीता-राम का विवाहोत्व मनाया जाएगा. शनिवार को पुनौरा धाम जानकी मंदिर और शहर स्थित रजत द्वार जानकी मंदिर में खूब चहल-पहल देखने को मिला. अयोध्या व यूपी के विभिन्न जिलों समेत राजस्थान, गुजरात व देश के कई राज्यों के सैकड़ों श्रद्धालु मां जानकी जन्मभूमि का दर्शन करने पहुंचे. मंदिर परिसर के बाहर विभिन्न राज्यों से आये दर्जन भर से अधिक पर्यटन बसें लगी थीं. श्रद्धालु सीता कुंड में जाकर आचमन कर शरीर का शुद्धिकरण करते दिखे.
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नेपाल के जनकपुर भी जाते हैं श्रद्धालु
अयोध्या से आये श्रद्धालुओं का कहना था कि मां सीता की जन्मभूमि पर आकर अपने को धन्य महसूस कर रहे हैं. अधिकांश श्रद्धालु मां सीता की जन्मभूमि के दर्शन के बाद नेपाल के जनकपुर के लिए रवाना हो गये. पर्यटकों ने बताया कि वे लोग यहां से जनकपुर के लिए रवाना हो रहे हैं. जनकपुर में विवाह पंचमी देखने के बाद लौटेंगे. पुनौरा धाम के सीता उद्यान समेत पूरे मंदिर परिसर में पर्यटकों एवं आम श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखने को मिला. मंदिर के कार्यकर्ता श्रवण कुमार से मिली जानकारी के अनुसार, विवाह पंचमी के पूर्व संध्या पर पुनौराधाम में कलाकार मंडली द्वारा मिथिला रीति-रिवाज के अनुसार धूमधाम से मटकोर का विधि को पूरा किया गया. इस दौरान महिलाओं द्वारा मटकोर के मधुर लोकगीत गूंजते रहे. वहीं, आज विवाह पंचमी के अवसर पर स्थानीय महिला मंडली द्वारा मिथिला रीति-रिवाज के अनुसार विधि-विधान से भगवान श्रीराम और माता जानकी के विवाह की सभी रस्में निभायी जाएगी. मंदिर को रंग-बिरंगे कृत्रिम रौशनियों से दोनों मंदिर चमक रहा है. विवाह पंचमी देखने के लिए जिले समेत देश के कोने-कोने से लोग पहुंच रहे हैं.