बिहार: बांका में मिड-डे मील खाने के बाद बच्चों को शुरू हुई उल्टी और पेट दर्द, 93 बच्चे पहुंचे अस्पताल
बांका के एक विद्यालय में मध्याह्न भोजन की खिचड़ी में मरी हुई छिपकली मिलने की आशंका पर खलबली मच गयी. इसके बाद मध्याह्न भोजन खाने वाले करीब एक सौ बच्चे अस्पताल पहुंचे. हालांकि भोजन में छिपकली होने की बात का खंडन जिला प्रशासन द्वारा किया गया है.
बिहार के स्कूलों में मध्यान भोजन खाने की वजह से आए दिन बच्चे अस्पताल पहुंच जा रहे हैं. ताजा मामला बांका जिले का है. जहां रजौन थाना क्षेत्र के खैरा पंचायत अंतर्गत प्रोन्नत मध्य विद्यालय आनंदपुर में बुधवार को एमडीएम खाने के बाद 93 बच्चे बीमार पड़ गये. भोजन में छिपकली की आशंका जतायी गयी. हालांकि, इस बात का जिला प्रशासन ने खंडन किया है.
ग्रामीणों ने विद्यालय परिसर में किया हंगामा
जिला प्रशासन के अनुसार सभी बच्चे आशंका के शिकार हो गये. बहरहाल, विद्यालय में बच्चों की तबीयत बिगड़ने के बाद आनन-फानन में रजौन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां सभी बच्चे प्राथमिक जांच व उपचार किया गया. इस घटना के बाद बच्चों के अभिभावकों व ग्रामीणों ने विद्यालय परिसर में काफी हंगामा किया. कुछ ग्रामीणों ने शिक्षकों के साथ हाथापाई भी की है. ग्रामीणों ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक सहित शिक्षकों व रसोईया पर कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं अस्पताल से सभी बच्चों को छुट्टी दे दी गयी है.
प्रशासन ने भोजन में छिपकली या विषाक्त पदार्थ होने का किया खंडन
इस घटना पर जिला प्रशासन की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर खुलासा किया गया. साथ ही भोजन में छिपकली या विषाक्त पदार्थ होने का खंडन किया. बताया गया कि जिला अंतर्गत सभी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन प्रतिदिन 12:40 में कराया जाता है और भोजन बच्चों को खिलाने से पहले प्रधानाध्यापक और रसोईया सर्वप्रथम खाते हैं.
प्रधानाध्यापक व तीनों रसोईयाें ने पहले खाया था भोजन
इसी क्रम में बुधवार को रजौन प्रखंड अंतर्गत प्रोन्नत मध्य विद्यालय आनंदपुर खैरा में बच्चों को मध्याह्न भोजन कराया जा रहा था. भोजन के दौरान कुछ बच्चों को छिपकली जैसा कुछ पदार्थ होने की आशंका हुई. जिस पर एहतियातन बच्चों को प्रखंड विकास पदाधिकारी ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रजौन में ले जाकर जांच कराया. यह भोजन प्रधानाध्यापक उमेश शाह व तीनों रसोईयाें ने सर्वप्रथम खाया था.
प्रशासन का दावा, लहसुन के छौंका को बच्चे समझ बैठे छिपकली
प्रधानाध्यापक और बच्चों में किसी भी प्रकार का लक्षण जो छिपकली या विषाक्त भोजन के कारण होती है नहीं देखी गयी. सभी बच्चे स्वस्थ पाये गये. बीडीओ ने भोजन की जांच करायी. खाने में कोई भी छिपकली या कोई अन्य विषाक्त पदार्थ नहीं पाया गया. इसी क्रम में प्रखंड विकास पदाधिकारी ने खाना बनाने वाली रसोईया से बात की. उसने बताया कि खाने में लहसुन का छौंक दिया जाता है लहसुन के दाने को देखकर छिपकली होने की आशंका हुई.
बीडीओ ने तुरंत की जांच
बांका के डीएम अंशुल कुमार ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय बीडीओ ने त्वरित जांच की. एमडीएम में छिपकली की आशंका थी, लेकिन जांच में यह बात नहीं पायी गयी. सभी बच्चे स्वस्थ हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गयी है.
एमडीएम खाने वाले एक सौ बच्चों का हुआ रजौन अस्पताल में इलाज
प्रखंड के प्रोन्नत मध्य विद्यालय आनंदपुर में बुधवार को मध्याह्न भोजन की खिचड़ी में मरी हुई छिपकली मिलने की आशंका पर खलबली मच गयी. इसके बाद मध्याह्न भोजन खाने वाले करीब एक सौ बच्चे अस्पताल पहुंचे. उधर एमडीएम में छिपकली मिलने की सूचना पर स्थानीय ग्रामीण विद्यालय आ धमके और एचएम व रसोइया के विरुद्ध जमकर हंगामा किया. विद्यालय में कुल 159 बच्चों उपस्थित थे, जिनमें से 93 बच्चों ने भोजन किया था.
चार एंबुलेंस से बच्चों को पहुंचाया गया अस्पताल
उधर किसी अनहोनी की आशंका को लेकर एचएम उमेश कुमार साह ने ग्रामीणों की मदद से चार एंबुलेंस से सभी बच्चों को इलाज के लिए रजौन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करा दिया. इस बीच स्कूल व अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल रहा. एक साथ इतने सारे बच्चों के अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सक भी परेशान हो गये. हालांकि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ब्रजेश कुमार की पहल पर सभी छात्र-छात्राओं का इलाज शुरू किया गया. जिन छात्रों ने जो भी शिकायत सुनायी उसी के अनुरुप उनका प्राथमिक उपचार किया गया. चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि किसी भी छात्र-छात्राओं में फूड प्वाइजनिंग की शिकायत नहीं थी. सभी बच्चे स्वस्थ हैं. जिन्हें इलाज के बाद घर वापस भेज दिया गया.
मामले की जानकारी मिलते ही पहुंचे स्थानीय प्रशासन
डीएम अंशुल कुमार के निर्देश पर डीपीओ पीएमपीवाई मणिकांत गुप्ता, बीडीओ राजकुमार पंडित, पीओ राजकुमार राजू, बीइओ कुमार पंकज, सीओ मोइनुद्दीन रजौन अस्पताल पहुंचकर स्थिति की पूरी जानकारी ली. मौके पर ग्रामीणों ने विद्यालय प्रबंधन पर भी कई सवालिया निशान भी उठाये. अभिभावकों ने स्थानीय प्रशासन से मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की.
विद्यालय में कक्षा आठ तक होती है पढ़ाई
विद्यालय में कक्षा 1 से लेकर वर्ग 8 तक की पढ़ाई होती है. जहां 209 बच्चे नामांकित है. बुधवार को 155 बच्चे स्कूल पहुंचे थे. विद्यालय में एक प्रधानाध्यापक सहित 7 शिक्षक व 3 रसोइया कार्यरत है. दोपहर में दो बैच में बच्चों को एमडीएम खिलाया जाता है. बुधवार को प्रथम बैच में 93 बच्चों ने एमडीएम खाया था. जिसके बाद बच्चों के द्वारा उल्टी, पेट दर्द व नशा जैसी शिकायत शिक्षक से की थी.